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क्या कोरोना के कारण 2 साल से ज्यादा घट गई भारतीयों की उम्र? रिपोर्ट पर सरकार ने क्या कहा

कोविड महामारी के दौरान जीवन प्रत्याशा को लेकर अकादमिक पत्रिका साइंस एडवांस में रिपोर्ट छपी है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा गया कि इस अध्ययन के निष्कर्ष अस्वीकार्य अनुमानों पर आधारित हैं।

Niteesh Kumar एजेंसी, नई दिल्लीSat, 20 July 2024 06:09 PM
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क्या कोरोना वायरस के कारण भारतीयों की औसत उम्र 2 साल से ज्यादा कम हो गई है? कोविड महामारी के दौरान जीवन प्रत्याशा को लेकर अकादमिक पत्रिका साइंस एडवांस में रिपोर्ट छपी है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को कहा गया कि इस अध्ययन के निष्कर्ष अपुष्ट और अस्वीकार्य अनुमानों पर आधारित हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस स्टडी के नतीजे प्रकाशित होने के बाद मंत्रालय का यह बयान सामने आया है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस अध्ययन के लेखकों ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के विश्लेषण के लिए मानक पद्धति का पालन करने का दावा किया है, लेकिन इसमें गंभीर खामियां हैं।

हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'सबसे बड़ी त्रुटि यह है कि लेखकों ने जनवरी और अप्रैल 2021 के बीच एनएफएचएस में शामिल परिवारों के उपसमूह पर अध्ययन किया है। 2020 में इन परिवारों में मृत्यु दर की तुलना 2019 से की गई और नतीजों को पूरे देश के हिसाब से लागू किया है।' इसमें कहा गया कि NFHS सैंपल तभी देश का प्रतिनिधित्व करता है जब इसे समग्र रूप से देखा जाए। इसमें कहा गया कि इस विश्लेषण में 14 राज्यों के 23 प्रतिशत परिवारों पर आधारित अध्ययन को देश का प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं माना जा सकता।

मंत्रालय ने बताया कि कहां हुई गलती 
बयान में कहा गया कि दूसरी खामी सैंपल्स के संभावित चयन और पूर्वाग्रह से संबंधित है, क्योंकि ये आंकड़े उस समय जुटाए गए थे जब कोविड-19 महामारी चरम पर थी। इसमें कहा गया कि भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) अत्यधिक मजबूत है और 99 प्रतिशत से अधिक मौतों को दर्ज करती है। इस सिस्टम के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 की तुलना में 2020 में मृत्यु पंजीकरण में 4.74 लाख की वृद्धि हुई। बयान में कहा गया कि 2018 और 2019 में मृत्यु पंजीकरण में क्रमशः पिछले वर्षों की तुलना में 4.86 लाख और 6.90 लाख की वृद्धि हुई थी। साइंस एडवांस के अध्ययन में 2020 में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 11.9 लाख मौतों की अधिक मृत्यु दर बताई गई, जो भ्रामक है।

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