Hindi Newsदेश न्यूज़happy raksha bandhan 2019 rakhi muhurat 2019 raksha bandhan 2019 date And timing in india

रक्षा बंधन: भद्रा का भय नहीं, आज कभी भी बांधिए राखी, जानें विशेष संयोग

आज राखी का त्योहार है। सब इस संशय में रहते हैं कि किस वक्त राखी बांधना चाहिए और किस वक्त नहीं। मगर इस बार रक्षा बंधन कुछ अलग है। बहुत समय बाद रक्षा बंधन का पर्व भद्रामुक्त होगा। बहनें भाइयों की कलाई...

लाइव हिन्दुस्तान नई दिल्लीThu, 15 Aug 2019 04:41 AM
share Share

आज राखी का त्योहार है। सब इस संशय में रहते हैं कि किस वक्त राखी बांधना चाहिए और किस वक्त नहीं। मगर इस बार रक्षा बंधन कुछ अलग है। बहुत समय बाद रक्षा बंधन का पर्व भद्रामुक्त होगा। बहनें भाइयों की कलाई पर निर्विघ्न होकर राखी बांध सकती हैं। गुरुवार होने की वजह से भी इस बार राखी पर विशेष मुहूर्त है। 15 अगस्त को सवेरे 05.53 से शाम 6.01 तक विशेष योग रहेगा। रात्रिकालीन भी अमृत योग उपलब्ध होगा।

पौराणिक महत्व
श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पंच पर्व में से एक है। इसका व्रत नहीं होता है। रक्षा बंधन की उत्पत्ति की कथा सतयुग से जुड़ी है। एक समय जब इंद्र युद्ध में दानवों से पराजित होने लगे तो उनकी पत्नी इन्द्राणी ने एक रक्षा सूत्र इंद्र की कलाई पर बांधा था जिससे इंद्र को विजय प्राप्त हुई थी। देवासुर संग्राम में देवी भगवती ने देवताओं के मौली बांधी थी। तभी से रक्षा सूत्र बंधने की यह परंपरा चली आ रही है। कालांतर में यह परंपरा भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के रूप में प्रसिद्ध हुई।

अशुभ माना जाता है भद्रा
इस बार रक्षाबंधन का दिन पूर्णत: भद्रामुक्त है। भद्रा एक अशुभ मुहूर्तकाल होता है जो बीते कई वर्षों से रक्षाबंधन पर पड़ रहा था इस बार भद्रा नहीं होने से कभी भी राखी बांधी जा सकती है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार, अमृत चौघड़िया मुहूर्त को राखी बांधना अधिक श्रेष्ठ है। अमृत मुहूर्त 15 अगस्त को दोपहर 3 बजे से 3:41 बजे के बीच तथा शाम 6:57 से रात 8 : 19 तक रहेगा।

कौन है भद्रा
किसी भी शुभ कार्य में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है। सौभाग्य से इस बार रक्षा बंधन भद्रामुक्त है। भद्रा में राखी नहीं बांधी जाती। भद्रा सूर्य की पुत्री हैं और उनका स्वभाव क्रूर है। ब्रह्मा जी ने कालगणना और पंचांग में भद्रा को विशेष स्थान दिया है। भद्रा में शुभ कार्य निषिद्ध हैं।

राखी बांधने के लिए ये समय उचित
सुबह 6 बजे से 7:30 बजे तक (शुभ)
सुबह 10:48 बजे से दोपहर 12:26 तक (चर)
दोपहर 12:26 से 1:29 बजे तक (लाभ)
दोपहर 3 बजे से 3 :41 बजे तक (अमृत)
शाम 5:19 बजे से 6:57 बजे तक (शुभ)
शाम 6:57 बजे से रात 8:19 बजे तक (अमृत)

राहुकाल से बचें
इस बार रक्षाबंधन पर दोपहर 1:30 से 15:00 राहुकाल होगा। राखी बांधने के लिए इस समय का त्याग करें।

विशेष संयोग
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा के अनुसार, श्रवण नक्षत्र और सौभाग्य योग  का संयोग रक्षा बंधन पर है। इस दिन हयग्रीव जयंती भी है। सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में होंगे।  
पौराणिक महत्व
 

अगला लेखऐप पर पढ़ें