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राजनीति में बच्चों का इस्तेमाल, नया नहीं है भाजपा और कांग्रेस का टकराव; कब-कब हुआ बवाल

प्रधानमंत्री मोदी के साथ बच्ची का वीडियो वायरल हुआ तो कांग्रेस ने भाजपा को घेरने का मौका नहीं छोड़ा।हालांकि इससे पहले भाजपा भी कांग्रेस पर सवाल खड़े कर चुकी है। यह टकराव नया नहीं है।

Ankit Ojha अनीश यांदे, हिंदुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीTue, 22 Nov 2022 12:16 PM
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गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक  बच्ची के साथ नजर आए थे। पीएम मोदी ने खुद इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था। कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई करने की मांग की है। बच्ची ने प्रधानमंत्री मोदी को कविता भी सुनाई थी। हालांकि कांग्रेस ने जब सवाल उठाए तो सोशल मीडिया पर लोग उसी पर हावी हो गए। लोग कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और जयराम रमेश को घेरने लगे। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि जब राजनेताओं के साथ चुनाव प्रचार में बच्चे दिखाई दिए। 

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री प्रचार के लिए एक छोटी बच्ची का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है। चुनाव आयोग कहां है? राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग कहां है?' भाजपा के ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर किया गया था जिसमें एक बच्ची प्रधानमंत्री मोदी के प्रशासन की तारीफ कर रही थी। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया था, गुजरातियों के दिमाग का विकास, भाजपा हमें बचाएगी, भाजपा दोबारा आएगी।

इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ बच्चों के चलने को लेकर बवाल खड़ा हुआ था। एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने चुनाव आयोग के पास इस बात को लेकर शिकायत भी की थी। कांग्रेस ने कहा था कि बच्चों का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं किया जा रहा है। अब जयराम रमेश ने एनसीपीसीआर पर भी पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि आयोग आधारहीन शिकायत ही दर्ज करवाता है। रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया था। हजारों बच्चे खुद से इस यात्रा में आकर सेल्फी लेना चाहते हैं।

दिल्ली में भी हुआ था घमासान
दिल्ली में राजिंदर नगर उपचुनाव के समय भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच भी ऐसी ही बहस शुरू हुई थी। दिल्ली भाजपा ने आरोप लगाया था कि आप अपने प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल कर रही है। भाजपा नेता आदेश गुप्ता ने एनसीपीसीआर से आप प्रत्याशी दुर्गेश पाठक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने तीन वीडियो भी शेयर किए थे जिसमें बच्चे आम आदमी पार्टी का गमछा और टोपी लगाए दिख रहे थे। उन्होने दावा किया  था कि पाठक के लिए पर्चा बांटने के लिए बच्चों को 100 रुपये दिए गए थे। 

साल 2019 में भाजपा प्रत्याशी किरन खेर ने ट्विटर पर एक बच्चे का वीडियो शेयर किया था। वह भाजपा के लिए वोट मांग रहा था। इसके बाद चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई थी। आयोग ने किरन खेर से चुनाव प्रचार में बच्चे के इस्तेमाल को लेकर जवाब मांगा था। इसके बाद किरन खेर ने भाजपा और खुद की तरफ से माफी मांगी थी।  2017 में एनसीपीसीआर ने राजनीतिक दलों के लिए दो पॉइंट गाइडलाइन जारी की थी। इसमें कहा गया था कि कोई भी दल राजनीतिक प्रचार के लिए बच्चे का इस्तेमाल नहीं करेगा। चाहे कोई पोस्टर या पैंप्लेट बांटने का काम हो या फिर चुनावी सभा में नारे लगवाना हो। 
 

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