मनरेगा श्रमिकों को मोदी सरकार का तोहफा, बढ़ाई दिहाड़ी; किस राज्य में मिलेंगे कितने रुपये?
MGNREGA Wages Hike: केंद्र आम चुनाव से पहले मनरेगा के श्रमिकों को तोहफा देने जा रहा है। केंद्र 100 दिनों के काम के लिए मजदूरी बढ़ाने जा रहा है। जानिए किस राज्य में मिलने वाली है सबसे ज्यादा दिहाड़ी?

MGNREGA Wages Hike: मनरेगा श्रमिकों के लिए खुशखबरी है। केंद्र मनरेगा के 100 दिनों के काम के लिए मजदूरी बढ़ाने जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 मार्च को एक अधिसूचना में कहा कि अगले वित्तीय साल से 100 दिनों के काम के लिए वेतन में वृद्धि की जाएगी, लेकिन हर राज्य में ऐसा नहीं होने वाला। हरियाणा में 100 दिनों के काम की मजदूरी सबसे अधिक तय की गई है। यहां 357 रुपये प्रति दिन दिहाड़ी तय की गई है। वहीं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सबसे कम मजदूरी दी जा रही है, यहां 221 रुपए प्रति दिन दिहाड़ी तय की गई है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की धारा 6(1) के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार केंद्र इस अधिनियम के लाभार्थियों का वेतन तय कर सकता है। इस बार केंद्र ने अधिसूचना के साथ दैनिक मजदूरी में औसतन 7 रुपये से बढ़ाकर 24 रुपये कर दी है। इसे एक अप्रैल से लागू किया जाएगा।
राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रतिशत बढ़ी दिहाड़ी
100 दिनों के काम के मामले में पिछले साल की तुलना में इस साल राजस्थान में दिहाड़ी सबसे ज्यादा बढ़ी है। 2022-23 में दिहाड़ी 231 रुपये थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 255 रुपए हो गई है। बिहार, झारखंड में 100 दिन के काम की दिहाड़ी में पिछले साल के मुकाबले इस साल आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल दिहाड़ी 210 रुपए थी, इस साल बढ़कर 228 रुपए हो गई है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सबसे कम दिहाड़ी
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में देश भर में सबसे कम दिहाड़ी है। हालांकि, इन दोनों राज्यों में पिछले साल की तुलना में दिहाड़ी में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन दोनों राज्यों में 100 दिन के काम की दैनिक मजदूरी 204 रुपये थी। कर्नाटक, गोवा, मेघालय, मणिपुर में 100 दिनों के काम की दैनिक मजदूरी बहुत कम दर से बढ़ी। इन सभी राज्यों में 2 से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
क्या है मनरेगा?
मनरेगा दुनिया के सबसे बड़े कार्य गारंटी कार्यक्रमों में से एक है। योजना का प्राथमिक उद्देश्य किसी भी ग्रामीण परिवार के सार्वजनिक कार्य से संबंधित अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देता है। वर्ष 2022-23 तक मनरेगा के तहत 15।4 करोड़ सक्रिय श्रमिक हैं।