बिहार मैट्रिक परिणाम 2018 अब 26 जून को, ताजा हुई 2016 के टॉपर घोटाले और गणेश मामले की याद
गोपालगंज के एक स्कूल से बिहार बोर्ड मैट्रिक की 42 हजार कॉपियों के गायब होने के बाद 2016 के टॉपर घोटाले व 2017 में गणेश प्रकरण की याद ताजा हो गई है। लोग कॉपियों के गायब हो जाने से एक बार फिर से टॉपर...
गोपालगंज के एक स्कूल से बिहार बोर्ड मैट्रिक की 42 हजार कॉपियों के गायब होने के बाद 2016 के टॉपर घोटाले व 2017 में गणेश प्रकरण की याद ताजा हो गई है। लोग कॉपियों के गायब हो जाने से एक बार फिर से टॉपर घोटाले को लेकर आशंकित हैं। वर्ष 2016 में भी टॉपरों की कॉपियों का मूल्यांकन दूसरे केन्द्र पर कराकर मनचाहा नंबर दे दिया गया था। आशंका है कि इस साल भी टॉपर घोटाले के लिए ही गोपालगंज के एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल से मैट्रिक की कॉपियां गायब की गई हैं।
2016 में टॉपर घोटाला सामने आने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बीएसईबी के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था। यह घोटाला तब सामने आया जब आर्ट्स श्रेणी में टॉप करने वाली विशुन रॉय कॉलेज की छात्रा रूबी राय मामूली से सवालों का जवाब भी नहीं दे पाई थी और उसने पॉलिटिकल साइंस को प्रौडिगल साइंस बताया था। विशुन रॉय कॉलेज के संचालक बच्चा राय पर आरोप लगा था कि उसने बिहार में बच्चों को टॉप कराने के लिए उनसे पैसे लेकर परीक्षा में धांधली कराई थी। जांच में बच्चा राय और बिहार स्टेट एजुकेशन बोर्ड के तमाम अधिकारियों के मिलीभगत से छात्रों के रिजल्ट बदले जाने की बात सामने आई थी।
2017 में बिहार बोर्ड इंटर आर्ट्स का टॉपर गणेश कुमार फर्जी साबित हुआ था। गणेश को संगीत की प्रैक्टिकल परीक्षा में 70 में से 65 मार्क्स मिले थे लेकिन उसे संगीत का बुनियादी ज्ञान भी नहीं था। बाद में बिहार बोर्ड ने गणेश का रिजल्ट रद्द कर दिया था।