गोवा की आजादी की जंग लड़ने वालों के नाम पर रखे जाएंगे स्कूलों के नाम, सीएम सावंत का ऐलान
देश की आजादी के 12 साल बाद पुर्तगालियों से गोवा आजाद हुआ था। सीएम प्रमोद सावंत ने ऐलान किया है कि जिन्होंने गोवा की आजादी में भूमिका निभाई उनके परिवारों को सम्मानित किया जाएगा।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया है कि गोवा की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का वह पूरे देश में ढूंढ-ढूंढकर सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि 1947 में देश के आजाद होने के बाद भी गोवा की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों का सम्मान जरूरी है।
पणजी में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए सावंत ने कहा, हम सबको पता है कि 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ लेकिन गोवा, दमन दीव और दादरा नगर हवेली पुर्तगालियों का गुलाम था। इसलिए भारत की आजादी अधूरी थी। इसके बाद गोवा को आजादी दिलाने के लिए डॉ. राम मनोहर लोहिया, जगन्नाथ जोशी, आजाद गोमंतक दल, विमोचन सहायक समिति और बहुत सारे अन्य लोगों ने मिलकर लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा, मैं आजादी की 75वीं सालगिरह पर ऐलान करता हूं कि जिन्होंने गोवा की आजादी की लड़ाई लड़ी उनका सम्मान किया जाएगा। 1955 के सत्याग्रह में भाग लेने वाले लोगों के 70 परिवारों को यह सम्मान मिलेगा। हमने आज भी 28 परिवारों को आमंत्रण भेजा था जिनमें से पांच यहां पर मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि, जिस तालुका के फ्रीडम फाइटर को सम्मानित किया जाएगा वहां के एक सरकारी स्कूल का भी नाम उनके ही नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अन्य कई राज्यों के भी बहादुरों ने गोवा की आजादी की लड़ाई लड़ी।
बता दें कि साल 1954-55 में गोवा की आजादी के लिए शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया था। 15 अगस्त 1944 को ही अल्फ्रेस अफोंसो और अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने तिराकोल किले पर तिरंगा लहराया था जो कि वहां 22 साल तक लहराता रहा। इसके बाद एक मार्च के दौरान गोवा की सीमा पर गोली चला दी गई जिसमें 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।
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