गोवा में अब सीएम पद के लिए होगा खेला? खुद प्रमोद सावंत बोले- हाईकमान लेगा फैसला
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी आत्ममंथन शुरू करेगी कि वह अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार करने में विफल क्यों रही, जबकि उसने चुनावों से पहले खुद को 22+ का लक्ष्य रखा...
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी आत्ममंथन शुरू करेगी कि वह अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार करने में विफल क्यों रही, जबकि उसने चुनावों से पहले खुद को 22+ का लक्ष्य रखा था।
गोवा विधानसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए पार्टी का नेतृत्व करने की ओर अग्रसर प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी संसदीय बोर्ड के प्रतिनिधियों के आने का इंतजार कर रही है, जिनके शुक्रवार को आने की उम्मीद है, जबकि शपथ ग्रहण समारोह मानकर चलिए कि सोमवार 14 मार्च को हो सकता है।
वैसे पार्टी की तरफ से राज्य में नेतृत्व से संबंधित कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रमोद सावंत ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की पहली पसंद हो सकते हैं। सावंत ने गुरुवार देर शाम संवाददाताओं से कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं ही नंबर (सीटें) लाया हूं। भाजपा ने ये किया है। मोदी चेहरा थे। और उनके नेतृत्व में चुनाव हुआ और हमें मौका मिला। मैं एक भाजपा का सिपाही हूं और पार्टी ने मुझे एक जनरल के रूप में लड़ाई लड़ने का मौका दिया। (नेतृत्व के बारे में) कोई चर्चा नहीं हुई है। संसदीय बोर्ड इसका फैसला करेगा।”
सावंत ने चुनाव से कुछ महीने पहले तक एक ऐसी सरकार का नेतृत्व किया था, जिसके पास 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 27 सीटों का कमांडिंग बहुमत था।
हालांकि, यह महसूस करते हुए कि उनके कई विधायकों को आगामी चुनावों में मतदाताओं के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है, भाजपा ने 27 विधायकों में से सात को टिकट देने से इनकार कर दिया था, जबकि आठवें और उनके स्थान पर ऐसे उम्मीदवारों को रखा गया जो जीतने के लिए तैयार थे जैसे- कृष्णा साल्कर, एमजीपी से प्रवीण अर्लेकर, प्रेमेंद्र शेत सभी को पार्टी में लाया गया और भाजपा के टिकट की पेशकश की गई। वहीं निर्दलीय लड़ने वाले गोविंद गौडे और रोहन खुंटे दोनों व चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस के रवि नाइक भी चुनाव जीत गए।
सावंत ने कहा, “हमने 2022 में 22 कहा था, मैं इसे लेकर चिंतित हूं (अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाने को लेकर)। हमने दो निर्वाचन क्षेत्रों को करीब से खो दिया। मैंड्रेम और सेंट आंद्रे और सिओलिम। हम गलतियों का विश्लेषण करेंगे। हमने 2027 के चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। भाजपा लगातार प्रक्रिया में है। मैं 22+ के साथ खुश होता।”
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी से समर्थन के बारे में पूछे जाने पर, सावंत ने कहा कि नेतृत्व से संबंधित किसी भी मांग के बिना समर्थन का एक 'बिना शर्त' पत्र मिला है। सावंत ने कहा है कि उनके मंत्रिमंडल से संबंधित कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी वोटों के बंटवारे से भाजपा को फायदा हुआ, सावंत ने कहा कि भाजपा के लिए ऐसा कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने कहा, “वोट बंटवारे से हमें कोई फायदा नहीं हुआ। मेरे निर्वाचन क्षेत्र की जांच करें तो एमजीपी को 212 वोट मिले हैं। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एमजीपी (आमतौर पर) को 2,500 से 3,000 वोट मिलते हैं। उन्होंने वोटों को (कांग्रेस को) डायवर्ट किया है, इसका मतलब है कि आरजी (क्रांतिकारी गोवा) उनसे (एमजीपी) बड़ा है। आरजी को करीब 600 से 700 वोट मिले। उनके पास 10 प्रतिशत वोट शेयर है।" 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस सिमट कर 11 सीटों पर रह गई, जबकि उसके सहयोगी गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने एक जीत हासिल की है।