कांग्रेस का 'सबसे खराब' अध्यक्ष कौन? जब गुलाम नबी आजाद ने खोले राज; राहुल गांधी नहीं हैं जवाब
कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने के दौरान उन्होंने तत्कालीन अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल को घेरा था।
वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा चर्चा में है। हालांकि, यह किताब बुधवार को लॉन्च होने जा रही है, लेकिन पहले ही कांग्रेस के इतिहास से जुड़े कई किस्से सामने आ चुके हैं। इनमें एक वाकया पार्टी के 'सबसे खराब' राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी जुड़ा है। खास बात है कि त्यागपत्र में खासतौर पर राहुल गांधी पर हमलावर रहे आजाद के इस किस्से में उनका नाम शामिल नहीं है।
1996 की हार का जिक्र
अपनी किताब में आजाद ने साल 1996 में हुई कांग्रेस की हार के बाद हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि के करुणाकरण के आवास पर कई नेता जुटे और कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर नरसिम्हा राव का इस्तीफा मांगने की योजना तैयार की गई। आजाद बताते हैं कि उन्होंने खुलकर राव से कहा कि वह कांग्रेस से सबसे अच्छे प्रधानमंत्रियों में से एक हैं, लेकिन वह पार्टी को मिले 'सबसे खराब अध्यक्ष' हैं।
अजाद ने कहा, 'संगठन के काम के लिए आपके पास कोई वक्त और रुची नहीं है। यही कारण है कि हम चुनाव हार गए।' उन्होंने लिखा, 'मैं बोलता रहा और राव सुनते रहे।' साथ ही उन्होंने बताया कि कोई भी उनके बचाव में नहीं बोला।
जब त्यागपत्र में राहुल को घेरा
बीते साल अगस्त में आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उस दौरान उन्होंने तत्कालीन अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल को जमकर घेरा था। उन्होंने लिखा था, 'दुर्भाग्य से राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री और खासतौर से जनवरी 2013 के बाद जब आपने उन्हें उपाध्यक्ष नियुक्त किया था, तब पार्टी का पूरा परामर्ष तंत्र उन्होंने खत्म कर दिया था।'
उन्होंने लिखा था कि पार्टी के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चापलूसों का समूह पार्टी चलाने लगा।