40 लाख रुपये के लालच में मत फंस जाना, फर्जी है मोबाइल टॉवर का ये सरकारी लेटर; जानें सच्चाई
Mobile Tower Rules: सरकार का कहना है, 'टावर की स्थापना के लिए किसी प्रस्ताव पर विचार करने से पहले, उन्हें दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से टीएसपी/आईपी-1 की प्रामाणिकता का सत्यापन करना चाहिए।
Mobile Tower Installation: एक लेटर सामने आया है, जिसके जरिए कंपनी मोबाइल टॉवर लगाने के लिए कुछ रजिस्ट्रेशन शुल्क मांग रही है। अब अगर आपके सामने भी 'Telecom Regulatory Authority of India' लिखा हुआ एक ऐसी ही पत्र आए, तो जरा सावधान हो जाएं। सरकार की तरफ से भी इस पत्र को पूरी तरह से फर्जी करार दे दिया गया है। साथ ही आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
प्रेस इंफर्मेशन ब्यूरो यानी PIB के फैक्ट चेक के अनुसार, 'एक कंपनी मोबाइल टॉवर लगाने के लिए 3800 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क मांग रही है। साथ ही दावा कर रही है कि हर महीने 45 हजार रुपये किराया दिया जाएगा और 40 लाख रुपये एडवांस मिलेंगे। यह पत्र फर्जी है। TRAI की तरफ से ऐसे पत्र जारी नहीं किए जाते हैं।'
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से इसे लेकर विज्ञप्ति भी जारी की गई है। सरकार ने कहा, 'दूरसंचार विभाग (DoT) ने आम लोगों को उन बेईमान कंपनियों/एजेंसियों/व्यक्तियों से सावधान रहने की सलाह दी है जो मोबाइल टावर की स्थापना के लिए भारी मासिक किराये के भुगतान का वादा करते हैं।'
किराए पर नहीं ली जाती जगह
आगे बताया गया, 'दूरसंचार विभाग ने सूचित किया है कि न तो दूरसंचार विभाग और न ही ट्राई मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर को पट्टे पर लेने/किराए पर लेने में शामिल है। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' भी जारी नहीं करते हैं।'
वेबसाइट पर कर चेक
सरकार का कहना है, 'टावर की स्थापना के लिए किसी प्रस्ताव पर विचार करने से पहले, उन्हें दूरसंचार विभाग की वेबसाइट से टीएसपी/आईपी-1 की प्रामाणिकता का सत्यापन करना चाहिए।' (https://dot.gov.in/access-services/list-access-service-licences-issued
https://dot.gov.in/infrastructure-provider) पर जानकारी उपलब्ध है। अगर इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार होते हैं या आपके सामने आती है, तो स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचित करें।