सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री नहीं जीते दो सीटों से चुनाव, पवन कुमार चामलिंग की हार
सिक्किम विधानसभा के नतीजे आज आ रहे हैं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग चुनाव हार गए हैं। वे पोकलोक में भोजराज राय और नामचेयबुंग में राजू बस्नेत से हजारों वोट के अंतर से हार गए हैं।
सिक्किम विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। नतीजे लोगों को चौंका रहे हैं क्योंकि सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग पोकलोक विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। वे सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के उम्मीदवार भोजराज राय से 3,063 वोट से हार गए हैं।
भारत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने की दौड़ में पवन कुमार चामलिंग सबसे आगे हैं। उनके नाम लगभग 25 वर्ष तक सिक्किम के मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है। उनकी पार्टी एसडीएफ सिक्किम विधानसभा चुनाव 1994, 1999, 2004, 2009 और 2014 में जीतकर सरकार बना चुकी है। चामलिंग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के संस्थापक अध्यक्ष हैं। उन्होंने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की स्थापना वर्ष 1993 में की थी। चामलिंग ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत 32 वर्ष की आयु में की थी। चामलिंग नेपाली भाषा के कवि और संगीतकार भी हैं। इन्होंने 1985 से 1994 तक सिक्किम की दमथांग विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था। इससे बाद वे नामची- सिंघीथांग सीट पर 2019 तक विधायक चुने गए।
चामलिंग सिक्किम में जिनमें नामचेयबुंग और पोकलोक, दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें नामचेयबुंग सीट पर राजू बस्नेत से 2,256 वोटों से हार मिली है। पोकलोक पर भी उन्हें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के उम्मीदवार भोजराज राय से 3,063 वोट से हार मिली।
सिक्किम के अंदर 32 विधानसभा सीट हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक 19 सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने जीत का परचम लहरा दिया है। 12 सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की बढ़त है।
2019 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेता प्रेम सिंह के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद चामलिंग ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। 2019 में चामलिंग की पार्टी के 10 विधायक उन्हें छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और उसी महीने 2 विधायक सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा में शामिल हो गए थे। इससे बाद अपनी पार्टी में चामलिंग अकेले ही विधायक बचे थे।
सिक्किम में सरकार बनाने के लिए बहुमत का जादुई आंकड़ा 17 है। राज्य में प्रेम सिंह की नेतृत्व में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा दोबारा सत्ता में आती दिख रही है। चामलिंग की पार्टी का राज्य में अस्तित्व बचा पाना ही मुश्किल नजर आ रहा है।