विरोध के बावजूद दूरदर्शन ने चलाई 'द केरल स्टोरी', जवाब में दिखाया गया ध्रुव राठी का वीडियो
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि दूरदर्शन का फैसला सीधे तौर पर केरल के लोगों का अपमान है। यह आदर्श चुनाव संहिता का भी उल्लंघन है, जो धार्मिक आधार पर समाज को विभाजित करने के किसी भी प्रयास को रोकता है।
बड़े पैमाने पर राजनीतिक विरोध के बीच, दूरदर्शन ने शुक्रवार, 5 अप्रैल को विवादास्पद बॉलीवुड फिल्म 'द केरल स्टोरी' का प्रसारण किया। रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म का प्रसारण दूरदर्शन पर रात 8 बजे किया गया। राज्य में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और कांग्रेस की कड़ी आपत्तियों के बावजूद केरल स्टोरी का प्रसारण किया गया।
इस बीच, माकपा की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने इस फिल्म के विरोध में राज्य के विभिन्न स्थानों पर यूट्यूबर ध्रुव राठी की एक वीडियो ‘द केरल स्टोरी ट्रु ऑर फेक?’ दिखाई। युवा कांग्रेस ने फिल्म के प्रसारण के खिलाफ रात करीब साढ़े आठ बजे तिरुवनंतपुरम में दूरदर्शन कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला।
इससे पहले, केरल की कांग्रेस इकाई ने विवादास्पद फिल्म 'द केरल स्टोरी' को प्रसारित करने के दूरदर्शन के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया और कहा कि यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए धार्मिक आधार पर समाज को विभाजित करने का एक 'मौन प्रयास' है।
दूरदर्शन के इस फैसले के बाद केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी दल कांग्रेस ने कड़ा रुख अख्तियार किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर 'द केरल स्टोरी' फिल्म के प्रसारण के दूरदर्शन के फैसले को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की थी।
सतीशन ने कहा, ''जैसा कि आप जानते हैं कि 'द केरल स्टोरी' झूठे दावों पर आधारित दुष्प्रचार से भरी फिल्म है और इसमें राज्य के लोगों की निराशाजनक तस्वीर पेश करने का प्रयास किया गया है। मेरा मानना है कि यह देश को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने के संघ परिवार के जहरीले एजेंडे का हिस्सा है।'' उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले दूरदर्शन के माध्यम से फिल्म प्रसारित करने का केंद्र सरकार का फैसला सत्तारूढ़ भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूती देने के लिए धार्मिक आधार पर समाज को विभाजित करने का एक मौन प्रयास है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ''दूरदर्शन का फैसला सीधे तौर पर केरल के लोगों का अपमान है। यह आदर्श चुनाव संहिता का भी उल्लंघन है, जो धार्मिक आधार पर समाज को विभाजित करने के किसी भी प्रयास को रोकता है।'' केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को दूरदर्शन के फैसले की निंदा की और सार्वजनिक प्रसारक को विवादास्पद फिल्म का प्रसारण रोकने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि फिल्म का प्रसारण लोकसभा चुनाव से पहले केवल 'सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाएगा'। विजयन ने कहा कि राष्ट्रीय समाचार प्रसारक को भाजपा और आरएसएस गठबंधन की प्रचार मशीन नहीं बनना चाहिए।