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बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत पहलवानों के खिलाफ दर्ज FIR वापस लेगी दिल्ली पुलिस? कब शुरू होगी कवायद

पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया और यौन उत्पीड़न के आरोपों में उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए 28 मई को धरना दिया।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 15 June 2023 06:23 PM
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दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने की तैयारी में है। 28 मई राजधानी दिल्ली में पहलवानों के विरोध के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफआईआर में विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया शामिल हैं। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस पहलवालों पर दर्ज एफआईआर जल्द वापस लेने वाली है।

पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया और यौन उत्पीड़न के आरोपों में उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए 28 मई को नए संसद परिसर के उद्घाटन के दौरान दिल्ली के जंतर मंतर से संसद तक मार्च करने की कोशिश की। पुलिस ने तब पहलवानों को हिरासत में लिया था और बाद में पहलवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए विनेश फोगट ने कहा कि एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, "दिल्ली पुलिस को यौन उत्पीड़न के लिए बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात दिन लगते हैं लेकिन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात घंटे भी नहीं लगे। क्या देश तानाशाही पर उतारू हो गया है? पूरी दुनिया देख रही है कि सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा व्यवहार कर रही है। एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।"

हिरासत पर प्रतिक्रिया देते हुए, बजरंग पुनिया ने पूछा, "पुलिस ने मुझे अपनी हिरासत में रखा है। वे कुछ नहीं कह रहे हैं। क्या मैंने कोई अपराध किया है? बृजभूषण को जेल में होना चाहिए था। हमें जेल में क्यों रखा गया है?”

पहलवानों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल) 147 (दंगा करने का दोषी), धारा 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 186 (सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी करने से रोकना), 188 (सरकारी कर्मचारी की तरफ से घोषित आदेश की अवज्ञा), 332 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाए गए थे।

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