दिल्ली जयपुर हाईवे का कुछ हिस्सा खुला, पुलिस ने किसानों को राजधानी में एंट्री से रोका
दिल्ली-जयपुर बॉर्डर हाईवे को रविवार दोपहर 2 बजे के बाद आंशिक रूप से खोल दिया गया है। नए कृषि कानून को लेकर आंदलन कर रहे किसानों ने विरोध में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर अलवर जिले के शाहजहांपुर से मार्च...
दिल्ली-जयपुर बॉर्डर हाईवे को रविवार दोपहर 2 बजे के बाद आंशिक रूप से खोल दिया गया है। नए कृषि कानून को लेकर आंदलन कर रहे किसानों ने विरोध में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर अलवर जिले के शाहजहांपुर से मार्च शुरू किया था, जिसके बाद हाईवे को बंद कर दिया गया था। हरियाणा पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद हाईवे को ब्लाक कर दिया गया था।
बता दें कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसान यूनियनों ने जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को बंद करने की घोषणा की थी। किसान यूनियनों ने सिंधू और टिकरी सहित राष्ट्रीय राजधानी सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। प्रमुख रूप से जिन तीन नए कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं, सरकार ने उसे बड़े सुधारों के रूप में पेश कर रही है। सरकार का कहना है कि नया कानून बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी अपने अनाज को बेचने की अनुमति देगा।
हाईवे ब्लाक करने के लिए कई संगठनों के किसान राजस्थान के बहरोड़, कोटपूतली और शाहजहांपुर के माध्यम से जयसिंहपुर-खेरा क्षेत्र के पास हरियाणा सीमा पर पहुंचे हुए हैं। हालांकि पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उनको रोक दिया है। हाईवे को बंद करने पहुंचे कुसानों मार्च में शामिल होने के लिए स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव, सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय और मेधा पाटक पहुंचे हुए थे।
योगेंद्र यादव ने कहा कि हम दिल्ली में सिंघू सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठे हैं। योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि पुलिस और प्रशासन हमें बता रहे हैं कि हाईवे को अवरुद्ध करने से लोगों को परेशानी होगी, इसलिए हमने उनसे कहा कि अगर हमें दिल्ली की ओर से जाने की अनुमति दे दी जाती है तो हम हाइवे छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नाकेबंदी के कारण लोगों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी है।
वहीं, किसान पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल चौधरी ने शनिवार को हरियाणा सीमा पर किसानों को रोके जाने के बाद हाईवे पर ही अपना धरना जारी रखे हुए थे। चौधरी ने कहा कि हम सिर्फ कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दिल्ली की ओर मार्च करना चाहते हैं। विभिन्न संगठनों के किसान शाहजहाँपुर सीमा पर पहुंच रहे हैं।