ओडिशा रेल हादसे में मरने वालों की संख्या में इजाफा, अब तक 290 की मौत
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि प्रकाश को अंदरूनी चोट लगने के अलावा सिर और पैर में भी गंभीर चोटें आयी थीं और उसे नाजुक स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ओडिशा के कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में, बिहार के 17 वर्षीय एक घायल किशोर की शुक्रवार को मौत हो जाने के साथ हालिया रेल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 290 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान प्रकाश राम के तौर पर की गयी है। वह दो जून को शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था। ट्रेन बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद एक सरकारी अस्पताल में उसका उपचार किया जा रहा था।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि प्रकाश को अंदरूनी चोट लगने के अलावा सिर और पैर में भी गंभीर चोटें आयी थीं और उसे नाजुक स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों को उसका बांया पैर घुटने के नीचे से काट कर हटाना पड़ा, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उसकी हालत बिगड़ गई थी। अस्पताल ने उसकी मौत के बाद स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। अस्पताल के अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रक्ताधान के बाद संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सकों को तीन दिन पहले, बांये घुटने के ऊपर भी अंग काटना पड़ा।
उन्होंने कहा, ''मरीज बृहस्पतिवार रात तक ठीक था, वह बातचीत कर रहा था और भोजन भी कर रहा था। लेकिन शुक्रवार सुबह अचानक उसकी मौत हो गई।'' उन्होंने कहा, ''उसके कई अंगों को चोटें आई थीं। हम (उसकी मौत का) अभी सटीक कारण नहीं बता सकते, हम विवरण की पड़ताल कर रहे हैं।'' मंगलवार से अस्पताल में मरने वाला प्रकाश दूसरा व्यक्ति है, जो रेल हादसे में घायल हुआ था। उस दिन एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में, चोटों के चलते मरने वाला बिजय पासवान नाम का व्यक्ति भी बिहार का रहने वाला था। इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में रखे गये 81 शवों की पहचान होनी अभी बाकी है। इनकी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। कुल 78 परिवारों ने डीएनए नमूने दिये हैं।