दाऊद का शागिर्द पाकिस्तानी गैंगस्टर LTTE को कर रहा फिर से जिंदा, तीन-तीन एजेंसियों के रडार पर हाजी सलीम
एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI के सक्रिय समर्थन से पाकिस्तान और हिंद महासागर में करोड़ों डॉलर्स का ड्रग्स नेटवर्क चल रहा है जिसके पीछे दाऊद का दिमाग है।

पाकिस्तान के कराची का रहने वाला गैंगस्टर हाजी सलीम, जो दाऊद इब्राहिम का शागिर्द कहलाता है, भारत और श्रीलंका में बड़े पैमाने पर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के माध्यम से विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) को फिर से जिंदा करने की फिराक में लगा हुआ है। भारतीय एजेंसियों की उस पर पैनी नजर है।
मामले से परिचित एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के सक्रिय समर्थन से पाकिस्तान और हिंद महासागर में करोड़ों डॉलर्स का ड्रग्स नेटवर्क चल रहा है जिसके पीछे दाऊद इब्राहिम का दिमाग माना जाता है। एजेंसियों ने हाजी सलीम को अक्सर कराची में क्लिफ्टन रोड स्थित दाऊद के आवास पर देखा है और यह संदेह जताया है कि वे दोनों तस्करी के लिए एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।
भारत की तीन-तीन एजेंसियां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राजस्व और खुफिया निदेशालय (डीआरआई) सलीम के साथ-साथ इब्राहिम की डी-कंपनी के भारतीय संपर्कों की पहचान करने और उसके पूरे आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं।
पिछले महीने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में NCB और नौसेना ने हिंद महासागर में एक तथाकथित मदर शिप को रोककर 12,000 करोड़ रुपये मूल्य की 2,500 किलोग्राम उच्च शुद्धता वाली मेथमफेटामाइन जब्त की थी। तस्करी की यह खेप डेथ क्रिसेंट (ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तस्करी मार्ग के लिए गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गढ़ा गया एक शब्द) से आ रही थी और बलूचिस्तान प्रांत में मकरान तट से समंदर के रास्ते भेजी गई थी।
पिछले सप्ताह,एनआईए ने भारत में लिट्टे के पुनरुद्धार से संबंधित जांच में 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करते हुए कहा कि श्रीलंकाई ड्रग माफिया के सदस्य सलीम से ड्रग्स मंगवा रहे थे। एजेंसी ने कहा, "आरोपी ने गुप्त व्यापार को अंजाम देने के लिए विभिन्न विदेशी व्हाट्सएप नंबरों का इस्तेमाल किया था।"
एजेंसी के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में अल-सोहेली नामक नाव का उपयोग करके 40 किलोग्राम हेरोइन और पिस्तौल की तस्करी में शुक्रवार को दायर आरोप पत्र में सलीम का नाम भी शामिल है। इस मामले में गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते ने 10 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया था।
एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “भले ही डी-कंपनी के नेटवर्क को 90 के दशक के अंत में भारतीय एजेंसियों द्वारा खत्म कर दिया गया था,लेकिन यह संभव है कि उसके पुराने संपर्क सलीम के सिंडिकेट के साथ काम कर रहे हों क्योंकि अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद समुद्री और ज़मीनी रास्ते से नशीली दवाओं का व्यापार बढ़ गया है। सलीम को कराची में दाऊद के आवास पर भी देखा गया है जिसकी चौबीसों घंटे सशस्त्र गार्ड रक्षा करते हैं।"
एचटी मीडिया ग्रुप ने पहले ही 30 अप्रैल को रिपोर्ट दी थी कि सलीम आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ काम करता है और भारत, मालदीव, श्रीलंका और कुछ मध्य पूर्व देशों में तस्करी की देखरेख करता है। उसका कार्टेल बलूचिस्तान में कई गुप्त प्रयोगशालाएं संचालित करता है, जहां अफगानिस्तान से आने वाली हेरोइन के पैकेटों पर '555', '999', 'यूनिकॉर्न' और 'ड्रैगन' जैसे विभिन्न प्रतीकों या शिलालेखों का लेबल लगाया जाता है। ऐसा अनुमान है कि भारत में कुल मादक पदार्थों की 70% तस्करी समुद्री मार्गों से होती है और अधिकांश खेप के पीछे हाजी सलीम का ही नेटवर्क है।
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