...तो देश बन जाएगा अंधेर नगरी, लेह में धारा 144 लगी तो सोनम वांगचुक ने केंद्र सरकार को सुनाया
लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने के लिए आंदोलन कर रहे क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने केंद्र सरकार को जमकर सुनाया है। उन्होने कहा अगर ऐसे ही डराया जाता रहा तो देश अंधेर नगरी बन जाएगा।
क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के आंदोलन और 'पश्मीना मार्च' को देखते हुए लेह जिला मजिस्ट्रेट ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। इसके अलावा जुलूस, लाउडस्पीकर और लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। बता दें कि सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर कई दिनों से अनशन कर रहे हैं। उनके साथ युवाओ और महिलाएं भी शामिल हो गई हैं। वहीं अब वह महात्मा गांधी के दांडी मार्च के तर्ज पर पश्मीना मार्च करने जा रहे हैं।
धारा 144 लगाने के फैसले पर वांगचुक ने कहा, शांतिपूर्ण लद्दाख एक भ्रम में उलझा हुआ है। 31 दिनों की शांतिपूर्ण प्रार्थना और अनशन के बाद, अचानक प्रशासन को लगता है कि शांति भंग होने जा रही है। उसको खतरा महसूस होने लगा। उन्होंने कहा, मैंने बताया था कि 21 दिन के अनशन के बाद 10 दिन तक महिलाओं ने अनशन किया। युवाओं के जाने और महिलाओं के आने में एक अंतराल था। यहां पर बहुत सी महिलाएं और पुरुष हैं। यहां पर लगभग 400 लोग जुटे हैं। धूप तेज हो तो ज्यादा मुश्किल है।
उन्होंने कहा, बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से हम प्रार्थनाएं और दुआएं कर रहे थे। हम सरकार को अपने किए हुए वादे को याद दिला रहे थे। हमें बताया जा रहा है कि यह जो 7 अप्रैल को पश्मीना मार्च कर रहे हैं, उसके बारे में सरकार कुछ ज्यादा ही कदम उठा रही है। कहा जा रहा है कि गांव से आने वाली गाड़ियों को रोका जाएगा। यहां के कार्यकर्ताओं को पुलिस थाने में बुलाकर डराया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आपको गिरफ्तार किया जाएगा या फिर आप बॉन्ड साइन करें। इस ओवर रिएक्शन से और भी गलत प्रभाव पड़ सकता है। यह एक शांतिपूर्ण आंदोलन है। ऐसे में प्रशासन लोगों को डराकर क्यों काम करना चाहता है।
वांगचुक ने कहा, हमें एक चुटकुला याद आ रहा है। लद्दाख का सारा कारोबार दिल्ली से चलता है। एक अस्पताल में कहा गया था नर्सों से कि अगर रात में ये ना सो पाएं तो इन्हें नींद की गोली दीजिएगा। रात के 12 बजे जब सभी सो रहे थे तो नर्सें आकर नींद की गोली देती हैं। इस तरह अस्पताल के सारे मरीज जाग गए औऱ फिर तो दवा दें तो भी नींद नहीं आती थी। इस तरह जगा जगाकर सबकी नींद हराम कर दी गई। शायद कहा यह गया हो कि शांति भंग ना हो। लेकिन उन्हें समझ आया कि लोगों को पकड़कर थाने ले जाना है। आज तक यहां एक छोटा सा वाकया भी नहीं हुआ। इतने शांतिपूर्ण ढंग से लोग प्रार्थना कर रहे हैं, तो उन्हें पकड़ पकड़कर थाने क्यों ले जाया जा रहा है।
वांगचुक ने यह भी कहा, अगर यह सब चलता रहा तो साबित हो जाएगा कि भारत एक अंधेर नगरी बन रहा है। जहां वादे याद दिलाना जुर्म बन रहा है। वादे तोड़ देना एक पवित्र काम है। वादे याद दिला दो तो अशांति के नाम पर कुछ भी कर दें। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग है जो कि दूर होगी। लोगों को डराया धमकाया गया तो कुछ भी हो सकता है। जो लोग भारत के अलग-अलग जगहों से लद्दाख में आ रहे हैं। उनको डराया गया तो भी माहौल बिगड़ सकता है।
बता दें कि सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि संविधान के आर्टिकल 244 की 6वीं अनुसूची के तहत लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाया जाए। इसके अलावा ऑटोनोमस डिस्ट्रिक काउंसिल बनाई जाएं। इससे जमीन और आदिवासी इलाकों की रक्षा हो पाएगी।
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