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'नमाज के लिए चाहिए अलग कमरा', चर्च के कॉलेज में छात्रों की मांग पर बवाल

इस घटना की भारतीय जनता पार्टी ने आलोचना की है। भाजपा ने यह दावा किया कि कुछ लोग हिंदू और ईसाई समुदायों की ओर से संचालित शैक्षणिक संस्थानों में समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

Niteesh Kumar एजेंसियां, कोच्चिTue, 30 July 2024 02:01 PM
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केरल के मुवत्तुपुझा में नमाज अदा करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने इस विवादास्पद घटना पर खेद जताया है। दरअसल, चर्च की ओर से संचालित निर्मला कॉलेज के परिसर में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं देने का आरोप है। इसे लेकर कुछ छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। अब मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने कॉलेज के अधिकारियों से मुलाकात की और घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

केरल में विवाद उत्पन्न होने के बाद मौलवियों समेत मुवत्तुपुझा क्षेत्र के महल्लू समिति के सदस्यों ने कॉलेज के अधिकारियों से मुलाकात की। यह विवाद उस समय खड़ा हुआ, जब छात्रों के एक वर्ग ने कॉलेज के अंदर विरोध प्रदर्शन किया। उनका दावा है कि गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने कुछ छात्राओं को संस्थान के एक कमरे में जुमे की नमाज अदा करने से रोका था। इसी बात को लेकर कॉलेज के छात्र भड़के हुए हैं और अपना विरोध जता रहे हैं। 

स्थानीय महल्लू समिति के एक सदस्य ने मीडिया से कहा, 'हमने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की। हमने अधिकारियों के समक्ष स्वीकार किया कि छात्रों की गलती थी। हम इस घटना पर अपने समुदाय की ओर से खेद व्यक्त करते हैं।' कुछ स्थानीय चैनलों की ओर से विरोध-प्रदर्शन के वीडियो जारी किए गए हैं। इनमें छात्रों ने दावा किया है कि कई दिन तक कार्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने इस मामले को लेकर प्रिंसिपल से माफी मांगने को भी कहा।

'ऐसी हरकतों के पीछे चरमपंथी लोग'
इस घटना की भारतीय जनता पार्टी ने आलोचना की है। बीजेपी ने दावा किया कि कुछ लोग हिंदू और ईसाई समुदायों की ओर से संचालित शैक्षणिक संस्थानों में समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन ने आरोप लगाया, ‘कुछ लोग नमाज अदा करने की अनुमति न देने के लिए कॉलेज के प्रधानाध्यापक को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की हरकतों के पीछे चरमपंथी लोग हैं।’ उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोगों को वामपंथी और कांग्रेस पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।

इस बीच, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र संगठन एसएफआई ने कहा कि संघ परिवार के संगठन परिसर के अंदर हुए विरोध प्रदर्शन के लिए उसे दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। एसएफआई के प्रदेश सचिव पी एम अर्शो ने कहा कि संगठन किसी भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था, जैसा कि भाजपा ने आरोप लगाया है। सिरो-मालाबार चर्च से संबद्ध कैथोलिक कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि ऐसी विभाजनकारी ताकतों को उखाड़ फेंका जाना चाहिए। भाजपा नेता पीसी जॉर्ज ने कॉलेज के अंदर हुए प्रदर्शन को निंदनीय बताया। उन्होंने सवाल किया, ‘क्या कोई मुस्लिम कॉलेज हिंदुओं या ईसाइयों को प्रार्थना करने के लिए कमरे देगा?’

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