हार पर तकरार: असंतुष्ट नेताओं पर गिरने लगी गाज, राहुल पर सवाल उठाने वाले नेता पर कांग्रेस ने शुरू किया एक्शन
बिहार विधानसभा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस के अंदर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के अंसतुष्ट नेता जहां हार को आधार बनाकर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साध रहे हैं, वहीं पार्टी ने...
बिहार विधानसभा चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस के अंदर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के अंसतुष्ट नेता जहां हार को आधार बनाकर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साध रहे हैं, वहीं पार्टी ने सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवाल उठाने वाले पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि फुरकान अंसारी को सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। पार्टी नेता फुरकान अंसारी को भेजे नोटिस को एक नजीर के तौर पर देख रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसके बाद दूसरे नेताओं को भी नोटिस देने का रास्ता खुल जाएगा।
कांग्रेस के अंदर एक बड़ा तबका शुरुआत से ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। इस पत्र के बाद हुई सीडब्लूसी की बैठक में भी यह मांग उठी थी, पर उस वक्त पार्टी अध्यक्ष ने पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढने की नसीहत की थी। इस वक्त स्थिति बदली हुई है। ऐसे में कांग्रेस सख्त रुख अपनाने की तैयारी कर रही है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अनुशासन के नियम सभी के लिए समान हैं। फुरकान अंसारी को कारण बताओं नोटिस जारी करने के बाद दूसरे नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठेगी। पार्टी ने अभी तक किसी असंतुष्ट नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अंसारी को नोटिस के बाद ऐसा हो सकता है। वह कहते हैं कि ऐसा करना जरुरी भी है, क्योंकि नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। जल्द चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया जाएगा।
इस बीच, पार्टी का असंतुष्ट गुट भी चुप्पी साधने के लिए तैयार नहीं है। कई तरफ से हो रहे हमलों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के करीबियों ने कहा कि पार्टी नहीं चाहती थी कि वह प्रचार करे। चुनाव प्रचार में जी-23 समूह में शामिल ज्यादातर नेताओं को प्रचार से दूर रखा गया था। दरअसल, लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हार पर सवाल पूछने वाले नेता चुनाव प्रचार में क्यों नहीं गए थे। उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी।