अमेठी से नहीं लड़ेंगे राहुल गांधी, कांग्रेसियों की अपील दरकिनार; भाजपा को मिला एक और 'मौका'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इससे कांग्रेस की उम्मीदों को करारा झटका लगेगा, जो मान रही थी कि उनके लड़ने से माहौल बनाने में थोड़ा मदद मिल सकेगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने परिवार की परंपरागत लोकसभा सीट अमेठी से लड़ने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने अमेठी या रायबरेली किसी भी सीट से लड़ने से मना किया है। हिन्दुस्तान टाइम्स को मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी 3 मई को पुणे में रैली करेंगे। इसी दिन अमेठी में नामांकन का आखिरी दिन है। रायबरेली और अमेठी दोनों में 5वें चरण में 20 मई को मतदान होना है। इन दोनों ही सीटों पर अब तक गांधी परिवार ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। पार्टी के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि अब भी मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से राहुल गांधी को मनाने की कोशिश हो रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भले ही खरगे उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने चुनाव न लड़ने का मन बना लिया है। एक अन्य नेता ने बताया कि वह कल तक रायबरेली से उतरने के लिए तैयार थे, लेकिन अंत में फैसला बदल लिया। कांग्रेस लीडर ने कहा कि राहुल गांधी का यह भी कहना है कि परिवार का कोई भी नेता यूपी से चुनाव में न उतरे। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि इस मामले पर अखिलेश यादव की भी नजर है। वह चाहते हैं कि राहुल गांधी चुनाव में उतरें। पिछले महीने दोनों नेता जब एक रैली में मिले थे तो अखिलेश ने उन्हें चुनाव में उतरने की सलाह भी दी थी।
अखिलेश यादव ने दी थी चुनाव लड़ने की सलाह, क्या बोले राहुल
अखिलेश यादव ने तो राहुल गांधी को यह भरोसा भी दिलाया था कि अमेठी में उनका अच्छा सपोर्ट है, जहां से वह लगातार तीन बार चुनाव जीते थे। लेकिन 2019 में स्मृति इरानी के मुकाबले हार गए थे। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान ही राहुल गांधी ने चुनाव न लड़ने की बात कही थी। यह भी कहा था कि यदि मन बदला तो बताएंगे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार पार्टी का जो शेड्यूल है, राहुल और प्रियंका दोनों ही यूपी में चुनाव से बाहर रहने का मूड बना चुके हैं। राहुल गांधी अब वायनाड में ही रहना चाहते हैं।
राहुल बोले- परिवारवाद का आरोप लगाने का भाजपा को मिलेगा मौका
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी लगातार कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते रहे हैं। राहुल गांधी का कहना है कि यदि रायबरेली और अमेठी से वह खुद और परिवार का कोई और उतरा तो भाजपा को एक और मौका मिल जाएगा। गौरतलब है कि कांग्रेस चुनाव समिति की मीटिंग हुई थी। इसमें मल्लिकार्जुन खरगे को अधिकृत किया गया है। वह फिलहाल राहुल गांधी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक राहुल गांधी राजी नहीं हुए हैं और पार्टी को गुरुवार तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान करना होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेठी और रायबरेली से कौन चुनाव में उतरता है।