अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में फटा बादल; कई जगहों पर भूस्खलन, बाढ़ जैसे हालात
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी के लोगों की जीवनरेखा माने जाने वाले राजमार्ग पर कई वाहन फंसे हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रविवार सुबह बादल फटने से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं किया गया था। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे बादल फटने की घटना के बाद ईटानगर के कई हिस्सों में और उसके आसपास के इलाकों से भूस्खलन की खबरें हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी के लोगों की जीवनरेखा माने जाने वाले राजमार्ग पर कई वाहन फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे और भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में न जाने को कहा है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने 7 स्थानों पर राहत शिविर लगाए हैं।
असम में बाढ़ की स्थिति में हुआ मामूली सुधार, मृतकों की संख्या 39
असम में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, क्योंकि प्रभावित लोगों और जिलों की संख्या में कमी आई है। इस बीच, आपदा से 2 और लोगों की मौत हो गई है। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में राज्य में दो लोगों की मौत हुई है जिससे इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या 39 हो गई है। कोपिली और कुशियारा नदियां क्रमशः धरमतुल और करीमगंज में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। वर्तमान में 12 जिलों - बारपेटा, कामरूप, बाजाली, गोलपाड़ा, नागांव, होजाई, उदलगुरी, करीमगंज, दरांग, नलबाड़ी, कामरूप महानगर और कछार में 2,63,452 लोग प्रभावित हैं।