भारतीय सैनिकों के अब LAC तक पहुंचने की भनक चीन को नहीं लगेगी
चीन के साथ वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच भारत अपनी सीमाओं को लगातार सुरक्षित करता जा रहा है। लेह लद्दाख में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) दुर्गम इलाकों में हाइवे बनाने का काम तेजी से कर रहा है।...
चीन के साथ वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच भारत अपनी सीमाओं को लगातार सुरक्षित करता जा रहा है। लेह लद्दाख में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) दुर्गम इलाकों में हाइवे बनाने का काम तेजी से कर रहा है। बीआरओ ने तीसरी सड़क पर काम लगभग खत्म कर दिया है, जिसे निम्मू-पदम-दरचा सड़क कहा जाता है।
चीन की धमकी के बीच भारत ने दारचा और लेह को जोड़ने वाले हाइवे का काम पूरा हो गया है। इस रास्ते से सैनिकों के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में काफी आसानी होगी। इस हाइवे से करगिल क्षेत्र में भी पहुंच आसान हो जाएगी। ये मार्ग रणनीतिक तौर पर काफी अहम है। इस सड़क पर सैनिकों की आवाजाही को देख पाना चीन के लिए नामुमकिन होगा।
16 बीआरटीएफ अधीक्षण अभियंता कमांडर एमके जैन ने बताया कि निम्मू-दारचा और लेह को जोड़ने वाला हाइवे जल्द ही शुरू हो जाएगा। 280 किलोमीटर लंबे इस हाइवे के जरिए मनाली से लेह जाने में करीब 5-6 घंटे की बचत होगी। उन्होंने कहा कि यह रोड लो ऐल्टिट्यूड में है इसलिए साल के 10-11 महीने इसे खालो जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हाइवे में केवल 30 किलमीटर थोड़ा काम बाकी है और तब तक के लिए डाइवर्टिंग और कनेक्टिंग रोड की मदद ली जाएगी।
लद्दाख में सब-सेक्टर नॉर्थ तक पहुंच :
सूत्रों ने कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दौलत बेग ओल्डी और देपसांग जैसे अनेक अहम इलाकों तक सैनिकों की आवाजाही के लिए अनेक सड़क परियोजनाओं पर काम तेज किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख को डेपसांग से जोड़ने वाली एक अहम सड़क पर भी काम कर रहा है। यह सड़क लद्दाख में सब-सेक्टर नॉर्थ (एसएसएन) तक पहुंच प्रदान करेगी।