भेदभाव पैदा कर रहे राहुल; राममंदिर में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने के आरोपों पर चंपत राय का खुलासा
चंपत राय में अपने बयान में कहा कि जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज से जुड़े हुए लोगों को न्योता भेजा गया था।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राम मंदिर जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया। राहुल गांधी के कथित भाषण का उल्लेख करते हुए चंपत राय ने इसे पूरी तरह गलत, निराधार और भ्रामक बताया।
सभी जातियों के लोगों को भेजा गया था न्योता: चंपत राय
अपने बयान में चंपत राय ने कहा, "राहुल गांधी को मैं याद दिलाना चाहूंगा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों को राम मंदिर में रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर आमन्त्रित किया गया था।" चंपत राय में अपने बयान में कहा कि जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज से जुड़े हुए संत महापुरुष, गृहस्थजन और जीवन के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में यश प्राप्त करने वाले, भारत का गौरव बढ़ाने वाले सज्जनों को आमंत्रित किया गया था।
भेदभाव पैदा कर रहे राहुल गांधी: चंपत राय
चंपत राय ने कहा, "राम मंदिर में काम करने वाले श्रमिक कार्यक्रम में सम्मिलित रहे, अल्पसंख्यक उपस्थित रहे, इतना ही नहीं प्राण प्रतिष्ठा पूजन विधि के समय मंदिर के गूढ़ मंडप में अनुसूचित जाति, जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग के गृहस्थों को पूजा करने का अवसर मिला। तीन महीने पहले सम्पन्न हुए कार्यक्रम के बारे में तथ्यों की खोज बीन किए बिना ही, असत्य, निराधार व भ्रामक भाषण समाज में भेदभाव पैदा कर सकता है। भाषण के ये अंश हमारे लिए गंभीर आपत्ति जनक हैं।"
पहले भाजपा भी कर चुकी है विरोध
उल्लेखनीय है कि पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित लोगों पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार किया था। भाजपा ने कहा था कि उन्हें (राहुल गांधी को) इस तरह की अहंकारी भाषा का इस्तेमाल और भगवान राम एवं उनके भक्तों का अपमान करना बंद करना चाहिए।