चीन से तनाव के बीच केंद्र सरकार का अहम फैसला, लेह-लद्दाख सीमा तक बनेगा वैकल्पिक मार्ग
चीन से तनातनी के बीच केंद्र सरकार दिल्ली-लेह-लद्दाख सीमा को वाया पंजाब-हिमाचल प्रदेश से वैकल्पिक सड़क मार्ग के रूप में विकसित करेगी। लुधियाना-रोपर के बीच 85 किलोमीटर छह लेन नया ग्रीन फील्ड...
चीन से तनातनी के बीच केंद्र सरकार दिल्ली-लेह-लद्दाख सीमा को वाया पंजाब-हिमाचल प्रदेश से वैकल्पिक सड़क मार्ग के रूप में विकसित करेगी। लुधियाना-रोपर के बीच 85 किलोमीटर छह लेन नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की मंजूरी दे दी गई है। जोकि आगे जाकर चार लेन रोपर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग से जु़ड़ जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर से लेह-मनाली सड़क को दो लेन राजमार्ग में विकसित किया जा रहा है। इसको दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। लुधियाना-रोपर की कनेक्टिविटी प्रस्तावित दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे से होगी। इस प्रकार सरकार के रफ्तार के मास्टर प्लान से दिल्ली-लेह की दूरी 34 घंटे के बजाए 18 घंटे में सिमट जाएगी। उल्लेखनीय है कि पंजाब स्थिति भारतीय सेना की वेस्टर्न कमांड के लिए सामरिक दृष्टि से वैकल्पिक सड़क मार्ग योजना को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एनएचएआई के चेयरमैन एस.एस. संधू ने गत सप्ताह सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष लुधियाना-रोपर छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे योजना का प्रस्तुतिकरण पेश किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उक्त एक्सप्रेस-वे को मंजूरी व डीपीआर बनाने के ओदश दिए गए हैं। इस पर चार हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस नए एक्सप्रेस-वे को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे (670 किलोमीटर) से कनेक्ट कर दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि लुधियाना-रोपर एक्सप्रेस-वे पहले से बने चार लेन रोपर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर बीआरओ लेह-मनाली दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग (474 किलोमीटर) बनाने का काम तेजी गति से कर रहा है। इस साल दिसंबर तक यह काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि मनाली से लेह पहुंचने में 20 के बजाए महज 10 घंटे लगेंगे। क्योंकि रोहतांग टनल का काम पूरा हो चुक है। वहीं दिल्ली से मनाली 14-15 घंटे के बजाए सिर्फ 8 घंटे लगेंगे। इस प्रकार दिल्ली से लेह की दूरी 34 घंटे के बजाए महज 18 घंटे में पूरी की जा सकेगी। वर्तमान में कश्मीर-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से लेह तक पहुंचा जा सकता है, लेकिन अब वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा।
दुर्गम पहाड़ी में बनाए जा रहे दो लेन लेह-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण काफी जटिल है। नेहरु खंड-पालचान के चार किलोमीटर के सेक्शन पर तीव्र ढाल व खड़ी पहाड़ी के पुराने मार्ग को छोड़कर नया एलाइनमेंट कर दो लेन सड़क बनाई जा रही है।
- रोहतांग टनल का काम पूरा होने से लेह मनाली की दूरी में चार घंटे का सफर कम होगा। इस परियोजना को बीआरओ ने बनाया है।
- पंजाब के चंडीगढ़ में भारतीय सेना की वेस्टन कमांड का मुख्यालय है। इस मुख्यालय से सेना पंजाब व जम्मू-कश्मीर के ऑपरेशन का काम देखती है। इसके अलावा जलंधर, फिरोजपुर, अंबाला, अमृतसर, भंटिडा, पटनाकोट आदि में सेना व एयरफोर्स के बेस हैं। इसलिए लेह-लद्दाख के लिए वैकल्पिक मार्ग काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।