बुराड़ी मौत मामलाः पुलिस के पहरे में एक साथ जली 11 लाशें, परिवार के अलावा किसी की एंट्री नहीं
बुराड़ी में हुए हत्याकांड में सोमवार को दोपहर बाद मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद सीधे निगम बोध घाट भेजा गया। बड़ी संख्या में मौजूद पुलिसकर्मियों के पहरे के बीच एक साथ 11 सदस्यों का...
बुराड़ी में हुए हत्याकांड में सोमवार को दोपहर बाद मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद सीधे निगम बोध घाट भेजा गया। बड़ी संख्या में मौजूद पुलिसकर्मियों के पहरे के बीच एक साथ 11 सदस्यों का अंतिम संस्कार किया।अंतिम संस्कार के लिए निगम बोध घाट पर मौजूद पुलिस अधिकारियों की देखरेख में सभी तैयारियों को शवों के आने से पहले ही पूरा कर लिया गया था। परिवार में रिश्तेदारों और पहचान वालों को पहले ही अंदर कर दिया गया था। शवों के घाट पर पहुंचने के बाद पुलिस ने बेरिकेड लगाकर अंदर जाने का प्रवेश द्वार मीडिया और बाकि के लोगों के लिए बंद कर दिया और पुलिस के आलाअधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
मार्चरी से ही शवों को तैयार कर भेजने की थी तैयारी
करणी सेना के विरोध और बुराड़ी इलाके में लोगों में गुस्सा देखने के बाद पुलिस ने परिजनों से बात कर शवों को निगम बोध घाट सहमति बनाई। जिसके बाद परिजनों व रिश्तेदारों को सीधे निगम बोध घाट पहुंचाया गया। जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया तो जल्द से जल्द पूरी किया जा सके। इतना ही नहीं पुलिस ने शवों की तैयार की हुई अर्थी मार्चरी में मंगवा ली थी। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि मार्चरी से ही शवों को अंतिम क्रिया के लिए तैयार कर ले जाया जाए। लेकिन वहां मौजूद परिजनों ने इसका विरोध किया तो पुलिस अधिकारियों ने तैयार की गई अर्थियों को वापस निगम बोध घाट भेजा।
परिवार के अलावा किसी की एंट्री नहीं
रविवार देर रात से शुरू हुए परिवार के पोस्टमार्टम के दौरान परिवार के अलावा किसी को भी मार्चरी में जाने की परमिशन नहीं थी। पुलिस ने मार्चरी के गेट को बंद कर वहां पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी। इसके साथ ही अपराध शाखा पुलिस उपायुक्त जॉय ट्रिकी खुद हालत पर नज़र रखने के लिए मार्चरी मौजूद रहे। शाम को सभी शवों को 11 अलग अलग एम्बुलेंसों में रखवाकर घाट पर भेजा गया। जिसके साथ पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को भी लगाया गया था।