कुर्सी छिनी, पर रुतबा छोड़ने को तैयार नहीं बृजभूषण; कुश्ती महासंघ चुनाव के लिए नया प्लान
बृजभूषण शरण सिंह ने चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखा दी है। उन्होंने एक बैठक की जिसमें 25 में से 21 स्टेट यूनिट के अधिकारी शामिल हुए। बृजभूषण का नाम चुनावी लिस्ट में नहीं है।
महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटने के बाद भी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह WFI पर अपना दबदबा कायम रखना चाहते हैं। 12 अगस्त को होने वाले पदाधिकारियों के चुनाव से पहले सिंह ने 25 में से 21 राज्यों की रेसलिंग यूनिट्स के साथ बैठक की। बता दें कि सोमवार नामांकन की आखिरी तारीख है। माना जा रहा है कि WFI के शीर्ष पदों के लिए बृजभूषण अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं।
बृजभूषण की बैठक से चार राज्यों की यूनिट ने बनाई दूरी
बृजभूषण शरण सिंह की बैठक में जहां 21 राज्यों की यूनिट शामिल थी तो वहीं चुनाव में भाग लेने वाले चार राज्य दूर भी रहे। इसमें गुजरात, असम, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश यूनिट शामिल हैं। यह भी खबर थी कि इन राज्यों की यूनिट्स ने रविवार को अलग से बैठ की। कुश्ती से जुड़े एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर यनिट्स साथ हैं और सोमवार को बृजभूषण के साथ होने वाली अगली बैठक में रणनीति को लेकर फैसला लेंगी। उन्होंने कहा, हमें बांटने की कोशिश की जा रही है लेकिन हम साथ हैं।
बृजभूषण का पूरा हो गया था कार्यकाल
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली कोर्ट में यौन शोषण का मामला चल रहा है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत याचिका का विरोध तक नहीं किया था। इस बार इलेक्टोरल कॉलेज में बृजभूषण शरण सिंह, उनके बेटे करण सिंह और एक दामाद को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि उनके दूसरे दामाद विशाल सिंह जो कि बिहार यूनिट से हैं, चुनाव की लिस्ट में शामिल हैं। बृजभूषण शरण सिंह का जुलाई में कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। नियमों के मुताबिक 12 साल से ज्यादा कोई डब्लूएफआई का अध्यक्ष नहीं रह सकता।
बृजभूषण उतारेंगे अपने उम्मीदवार?
12 अगस्त को होने वाले चुनाव में बृजभूषण शामिल नहीं होंगे लेकिन फेडरेशन में उनका बड़ा प्रभाव रह सकता है। बता दें कि लंबे समय तक पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षा मलिक और विनेश फोगाट ने बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद उनके परिवार के लोगों ने WFI के पदों से इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पहलवानों ने अपना प्रदर्शन भी खत्म कर दिया था।
जिन चार राज्यों ने बृजभूषण की बैठक में भाग नहीं लिया उनमें से गुजरात यूनिट के रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड सेक्रेटरी प्रेम चंद लोचब अपना नाम अध्यक्ष पद के लिए सामने रख सकता है। वहीं हरियाणा के भाजपा राजनेता और मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स के मालिक देवेंद्र सिंह गादयान जो कि असम से प्रितनिधित्व कर रहे हैं, वह भी अध्यक्ष पद के दावेदार हो सकते हैं। बृजभूषण के खिलाफ गवाह रहीं अनीता शेओरन भी नामांकन कर सकती हैं। वह ओडिशा यूनिट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
जहां तक बात हिमाचल प्रदेश की है तो यहां का विवाद हल हो गया था और 23 जुलाई को राज्य कार्यकारी संगठन का चुनाव हो गया है। चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर जस्टिस एमएम कुमार ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह और महासचिव राजेंद्र सिंह को चुनाव में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
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