राजौरी में अब धमाका, बच्चे की मौत और 5 घायल; कल हुआ था 4 हिंदुओं का कत्ल
इस घटना में एक बच्चे की मौत हो गई है और दूसरा गंभीर रूप से घायल है। इसके अलावा 4 अन्य लोग भी बम धमाके में जख्मी हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें भी एक बच्चे की हालत गंभीर है।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के धांगरी गांव में बम धमाका हुआ है। यह धमाका उसी जगह पर हुआ है, जहां पर लोग कल हुई हत्याओं का विरोध कर रहे थे। इस घटना में एक बच्चे की मौत हो गई है और दूसरा गंभीर रूप से घायल है। इसके अलावा 4 अन्य लोग भी बम धमाके में जख्मी हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एडीजी मुकेश सिंह ने कहा, 'जिन घरों को निशाना बनाकर कल आतंकियों ने फायरिंग की थी। उनके पास ही बम धमाका हुआ है। इसमें 5 लोग जख्मी हुए हैं और एक बच्चे की जान चली गई है। यहीं से एक संदिग्ध आईईडी को सुरक्षा बलों ने बरामद भी कर लिया है।' उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह बम भी उन आतंकियों ने ही यहां रखा था, जिन्होंने रविवार शाम को गोलियां बरसाकर 4 हिंदुओं का कत्ल कर दिया था।
रविवार शाम को हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 7 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए थे। इसी घटना के विरोध में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। आंसुओं के सैलाब में डूबे लोग न्याय की मांग कर रहे थे। कश्मीर में लगातार टारगेट किलिंग का दौर जारी है और नए साल पर भी यह सिलसिला नहीं थमा है। बता दें कि कश्मीर घाटी के अलग-अलग इलाकों में बीते साल से ही हिंदुओं और बाहरी लोगों की लगातार टारगेट किलिंग हो रही है।
अनंतनाग, राजौरी, पुंछ और पुलवामा समेत कई ठिकानों पर हिंदू, सिख समुदाय के लोगों और बाहरी मजदूरों एवं कर्मचारियों को चुन-चुनकर आतंकवादियों ने निशाना बनाया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने कहा कि बीते 4 सालों में आतंकवादियों को बुरी तरह से कुचला गया है। सैकड़ों आतंकवादियों को मारा गया है। इसके चलते आतंकवादी संगठन बौखला गए हैं और वे इस तरह टारगेट किलिंग्स को अंजाम दे रहे हैं।
रविवार शाम को हुई फायरिंग में 4 लोगों की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर में हिंदू समुदाय का गुस्सा फूट गया है। धांगरी में लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। मारे गए लोगों के परिजनों ने आज सुबह ही चारों शवों को सड़क पर रख दिया और न्याय की मांग की। इनमें से कई लोगों ने रोते हुए कहा कि आखिर हमारी सुरक्षा कब होगी? कितने लोगों के मारे जाने के बाद इस पर रोक लगेगी? यही नहीं विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि हम सड़क से नहीं हटेंगे।