Hindi Newsदेश न्यूज़Bihar News there was no case FIR registred after independence in Bettiah village

एक गांव ऐसा भी, जहां आजादी के बाद नहीं हुआ कोई केस-मुकदमा

क्या आप कल्पना कर सकते हैं का आज के वक्त में किसी गांव में केस मुकदमा न हुआ होगा..., जी हां, अपने देश में एक गांव ऐसा भी है, जहां आजादी के बाद से अब तक एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। ऐसा भी नहीं है...

Shankar Pandit  सुधीर कुमार, बेतियाFri, 2 Oct 2020 08:27 AM
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क्या आप कल्पना कर सकते हैं का आज के वक्त में किसी गांव में केस मुकदमा न हुआ होगा..., जी हां, अपने देश में एक गांव ऐसा भी है, जहां आजादी के बाद से अब तक एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। ऐसा भी नहीं है कि गांव में झगड़ा-लड़ाई या विवाद नहीं होता। होता सब कुछ है लेकिन यहां के लोग समस्याओं को मिल बैठ कर सुलझा लेते हैं। यह गांव है बिहार में।

थरुहट क्षेत्र का यह गांव पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज अनुमंडल के गौनाहा प्रखंड के सहोदरा थाने का कटराव है। गांधी आज भी यहां के लोगों के लिए पूजनीय हैं। उनके आदर्शों पर चलते हैं। अहिंसा यहां के लोगों का सबसे बड़ा हथियार है। गांधी के चंपारण आगमन व सत्याग्रह का यहां आज भी प्रभाव देखने को मिलता है।

सहोदरा थानाध्यक्ष अशोक साह भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि कटराव गांव का एक भी केस थाने में दर्ज नहीं है। जमुनिया पंचायत के मुखिया सुनील गढ़वाल कहते हैं कि गांव में थारूओं की आबादी अधिक है। ये लोग मेरे (मुखिया) या सरपंच के पास किसी भी विवाद को लेकर नहीं जाते हैं। खुद ही आपस में मिल बैठकर विवाद या समस्या का निपटारा कर लेते हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि महिलाओं से संबंधित मामले महिलाएं ही निपटाती हैं।

ताश-जुए की जगह करते हैं भजन-कीर्तन
गांव में आजादी के बाद से आज तक ताश व जुआ का खेल नहीं खेला गया है। यहां के लोग इस तरह के खेल को गलत मानते हैं। इसके दुष्परिणाम को देखते हुए गांव के लोगों ने ही जुए व ताश के खेल को सर्वसम्मति से बैन कर रखा है। समय काटने व मनोरंजन के लिए लोग भजन व कीर्तन करते हैं।

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