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CM होते हुए भी पिता के अपमान पर चुप रहे कर्पूरी ठाकुर, कलेक्टर को भी कार्रवाई से रोका

Karpoori Thakur Bharat Ratna: 1924 में जन्में बिहार के ताकतवर राजनेता एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा कई बार विधायक और नेता प्रतिपक्ष का दायित्व भी उन्होंने संभाला।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 24 Jan 2024 01:00 PM
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को दुनिया से विदा हुए 35 साल गुजर चुके हैं, लेकिन उनके सियासी और सादगी के किस्से जीवित हैं। इसी बीच भारत सरकार ने मंगलवार को उन्हें मरणोपरांत 'भारत रत्न' देने का भी ऐलान कर दिया। उनके बेटे इस मौके पर सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं। इस मौके पर ठाकुर का एक और किस्सा चर्चा में है, जब वह मुख्यमंत्री होते हुए भी अपने पिता के अपमान पर शांत रहे थे।

बुधवार यानी 24 जनवरी को ठाकुर की 100वीं जयंती है। 1924 में जन्में बिहार के ताकतवर राजनेता एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा कई बार विधायक और नेता प्रतिपक्ष का दायित्व भी उन्होंने संभाला। इतने लंबे सफर से ही सियासी तस्वीर में उनके कद का अंदाजा लगाया जा सकता है।

क्या था मामला
किस्सा 70 के दशक का है। ठाकुर मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे थे। अब बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान उनके गांव के ही कुछ दबंगों ने ठाकुर के पिता को अपमानित कर दिया था। सामान्य हालात में इस घटना के बाद बड़ा ऐक्शन हो सकता था, लेकिन ठाकुर के मामले में नजारा कुछ और ही देखने को मिला।

रिपोर्ट के अनुसार, जब मामले ने तूल पकड़ा और खबर फैली, तो इस मामले में कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी गांव पहुंच गए थे। इसकी जानकारी ठाकुर को लगी, तो उन्होंने कलेक्टर को कार्रवाई करने से रोक दिया और वापस बुला लिया। रिपोर्ट के अनुसार, उनका कहना था कि दबे पिछड़ों का अपमान तो गांव-गांव में हो रहा था।

पीएम मोदी बोले- जननायक कर्पूरी ठाकुर का मेरे जीवन पर प्रभाव
मोदी ने मंगलवार को एक लेख में कहा, 'हमारे जीवन पर कई लोगों के व्यक्तत्वि का प्रभाव रहता है। जिन लोगों से हम मिलते हैं, हम जिनके संपर्क में रहते हैं, उनकी बातों का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं जिनके बारे में सुनकर ही आप उनसे प्रभावित हो जाते हैं। मेरे लिए ऐसे ही रहे हैं जननायक कर्पूरी ठाकुर।'

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