ब्रिटेन की संसद में भी गूंजा BBC पर दिल्ली में टैक्स सर्वे का मुद्दा, क्या मिला जवाब
BBC IT Survey: भारतीय मूल के तनमनजीत सिंह ढेसी ने भी दावा किया है कि भारत सरकार ने डॉक्युमेंट्री रिलीज होने के बाद बीबीसी के दफ्तरों पर छापा मारने का कदम उठाया। ढेसी लेबर पार्टी से सांसद हैं।
BBC यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन पर हुई आयकर विभाग की कार्रवाई का मुद्दा ब्रिटेन की संसद में गूंजा है। हाउस ऑफ कॉमन्स में ब्रिटिश सरकार ने जानकारी दी है कि इस संबंध में भारत सरकार के साथ बातचीत की जा चुकी है। सांसद सत्तारूढ़ दल से मामले पर आधिकारिक बयान जारी करने की मांग कर रहे हैं।
बीते सप्ताह राजधानी दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तरों पर आयकर विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। करीब तीन दिन चले सर्वे के दौरान आर्थिक दस्तावेजों के जरिए जानकारी जुटाई गई थी। विभाग ने जानकारी दी थी कि संस्था के कुछ संबंधित अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए थे और डेटा क्लोनिंग भी की गई थी।
ब्रिटिश संसद में क्या हुआ?
लेबर पार्टी के नेता फाबियन हैमिल्टन ने अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा हर कीमत पर किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, 'बीबीसी के दफ्तरों पर छापा मारना काफी चिंताजनक है, फिर इसकी आधिकारिक वजह कुछ भी बताई जाए। दुनियाभर में बीबीसी को भरोसेमंद रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है और उसे बगैर डर के रिपोर्टिंग की आजादी भी होनी चाहिए।'
डॉक्युमेंट्री से जोड़े कार्रवाई के तार
डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी यानी DUP के सांसद जिम शैनन ने कार्रवाई के तार बीबीसी की डॉक्युमेंट्री 'India: The Modi Question' से जोड़ दिए। साथी ही मीडिया और पत्रकारों की अभिव्यक्ति की आजादी के दमन के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, 'हमें एकदम स्पष्ट होना चाहिए कि यह धमकाने वाली कार्रवाई थी। जिसे देश के नेता की आलोचना करती हुई डॉक्युमेंट्री जारी होने के बाद अंजाम दिया गया था।'
उन्होंने भारत के शिक्षण संस्थानों में डॉक्युमेंट्री पर हुए बवाल का भी जिक्र किया। शैनन ने कहा, 'जब छात्रों ने डॉक्युमेंट्री देखने की कोशिश की तो, दर्जनों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, अन्य छात्र बगैर इंटरनेट और बिजली के रहने पर मजबूर हुए।'
कार्रवाई पर गंभीर सवाल
शैनन ने कहा, 'भारत सरकार की इस कार्रवाई का पत्रकारों, मानवाधिकार वकीलों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर काफी गंभीर असर हुआ है। क्या मंत्री मुझे और सदन को बता सकते हैं कि सरकार इस मामले में भारतीय उच्चायोग को समन करेगी या समकक्ष के सामने यह मुद्दा उठाया जाएगा।'
भारतीय मूल के तनमनजीत सिंह ढेसी ने भी दावा किया है कि भारत सरकार ने डॉक्युमेंट्री रिलीज होने के बाद बीबीसी के दफ्तरों पर छापा मारने का कदम उठाया। ढेसी लेबर पार्टी से सांसद हैं। उन्होंने सवाल किया, 'मंत्री बताएं कि समकक्ष से क्या बात हुई है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पत्रकार डर या किसी को फायदा पहुंचाए बगैर अपना काम कर सकते हैं।'
ब्रिटेन सरकार का जवाब
मंत्री डेविड रटले ने जवाब दिया कि इस संबंध में भारतीय पक्ष से बात की जा चुकी है। उन्होंने कहा, 'हमने इस मामले को उठाया है और लगातार इसपर नजर भी बनाए हुए हैं।' उन्होंने बीबीसी को कॉन्सुलर मदद की पेशकश की भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा, 'भारत के साथ गहरे संबंधों के चलते भारत सरकार से रचनात्मक तरीके से कई मुद्दों पर बातचीत की गई है।' उन्होंने कहा, 'हम प्रेस की आजादी का पूरा समर्थन करते हैं। यही वजह है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस को फंडिंग देने के लिए तैयार हुए हैं। साथ ही FCDO भारत में मुख्य भाषाओं के लिए एक्स्ट्रा फंडिंग के लिए राजी हुआ है।'