बजरंग दल कार्यकर्ता हत्याकांड: पुलिस ने 10 आरोपियों के खिलाफ लगाया UAPA, मर्डर के पीछे बड़ी साजिश की आशंका
कर्नाटक पुलिस ने राज्य के शिमोगा में 20 फरवरी को बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के मामले में गिरफ्तार 10 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धाराएं लगाई हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि...
कर्नाटक पुलिस ने राज्य के शिमोगा में 20 फरवरी को बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के मामले में गिरफ्तार 10 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धाराएं लगाई हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 27 वर्षीय हर्ष हिंदू की हत्या के आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप लगाते हुए मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की भूमिका के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि हत्या के पीछे किसी बड़ी साजिश का संदेह है। यूएपीए के प्रावधान आम तौर पर उन मामलों में लागू होते हैं जहां राष्ट्रीय अखंडता को टारगेट करने की साजिश का संदेह होता है। यूएपीए के तहत 30 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है जबकि चार्जशीट फाइल करने के लिए सामान्य मामलों में 90 दिनों के बजाय 180 दिन का समय देता है। इस कानून के कारण जमानत मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
हर्ष के साथ जेल में बंद था एक आरोपी
हर्ष की हत्या उन लोगों के एक समूह ने की थी, जिनके साथ उसका 2016 से कथित तौर पर झगड़ा हुआ था। अपराध के लिए गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से एक 30 वर्षीय मोहम्मद काशिफ 2017 में हर्ष के साथ जेल में था। कई अन्य आरोपी जिन्होंने कथित तौर पर उनकी सहायता की थी, उनके खिलाफ मारपीट, चोरी और लूट के कई मामले दर्ज हैं।
हिजाब विवाद के बीच हुई थी हर्ष की हत्या
सूत्रों ने कहा कि हत्या हर्ष और उसके हमलावरों में से एक के बीच करीब छह महीने पहले एक अदालत परिसर में हुई झड़प का नतीजा हो सकती है। हालांकि, पुलिस एक बड़ी साजिश की जांच कर रही है, खासकर यह देखते हुए कि अपराध हिजाब प्रतिबंध विवाद के बीच हुआ था। हर्ष कथित तौर पर शिमोगा के कुछ कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के लिए समर्थन आयोजित करने में शामिल था।
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