'मुर्दाघर' बने स्कूल की इमारत पर चला बुलडोजर, नए भवन में हवन के बाद चलेंगी कक्षाएं
बहनागा हाई स्कूल की इस इमारत को ओडिशा रेल हादसे का बाद अस्थायी मुर्दाघर बनाया गया था। इस पर बुलडोजर चलाया गया है। नए भवन में हवन के बाद कक्षाएं शुरू होंगी।
ओडिशा के बहानागा में हाई स्कूल की इमारत, जहां कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन त्रासदी के पीड़ितों के तकरीबन 250 से ज्यादा शवों को 24 घंटे से अधिक समय तक रखा गया था, शुक्रवार की सुबह प्रशासन की टीम की मौजूदगी में इमारत पर बुलडोजर चलाया गया। इससे पहले यहां के छात्रों और कई शिक्षकों ने स्कूल में न आने की बात कही थी। कई पैरेंट्स ने डर जताया था कि उनके बच्चों को इमारत के भूतहा होने का डर है। अब नए भवन में पूजा और हवन के बाद छात्र एंट्री लेंगे।
बहनागा हाई कोर्ट की प्रबंध समिति के एक मेंबर राजाराम महापात्रा ने बताया कि ट्रेन हादसे के बाद अस्थायी मुर्दाघर का काम पूरा हो जाने के बाद इमारत और स्कूल परिसर की अच्छी तरह से सफाई की गई थी। सभी से अनुरोध भी किया गया था कि यहां आने में डरने की कोई बात नहीं है लेकिन, स्थानीयों ने हादसे के बाद जिन क्षत-विक्षत शवों को देखा है, उसने उनके दिल में गहरी और अमिट छाप छोड़ी है। वे इस हादसे को भुला ही नहीं पा रहे हैं। इसलिए छात्रों और कई शिक्षकों द्वारा स्कूल में आने की अनिच्छा व्यक्त की गई थी।
नए भवन में पूजा के बाद होगी छात्रों की एंट्री
महापात्र ने कहा कि 65 साल पुराने स्कूल भवन को गिराने का काम शुक्रवार सुबह शुरू हुआ। "कई छात्रों और अभिभावकों ने स्कूल को मुर्दाघर में तब्दील करने पर जोर दिया। हालांकि जिन कमरों में शव रखे गए थे, फर्श धोने के लिए फिनाइल का इस्तेमाल किया गया, फिर भी छात्र और उनके माता-पिता आश्वस्त नहीं थे। वे नए भवन की मांग उठा रहे हैं। अब नए भवन को तैयार किया जा रहा है। इसके बाद पूजा और हवन करके भवन को पवित्र किया जाएगा ताकि छात्र यहां आने से डरे नहीं।"
इससे पहले गुरुवार को, बालासोर के जिला कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे, जिन्होंने स्कूल का दौरा किया था, ने कहा था कि अगर स्कूल प्रबंधन समिति एक प्रस्ताव प्रस्तुत करती है तो इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा। तदनुसार, स्कूल समिति ने एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसके बाद विध्वंस शुरू हुआ। ओडिशा में स्कूल ग्रीष्मावकाश के बाद 19 जून को फिर से खुलेंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 16 के किनारे स्थित यह स्कूल रेल हादसे वाली जगह से लगभग 100 मीटर की दूरी पर है।
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