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बिहार में विवाद के बीच राष्ट्रपति को न्योता देने पहुंचे बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री

बिहार में इन दिनों बागेश्वर बाबा के पटना में होने वाले कार्यक्रम को लेकर आरजेडी और भाजपा में ठनी हुई है। एक तरफ आरजेडी इस कार्यक्रम का विरोध करना चाहती है तो भाजपा समर्थन में उतरी हुई है।

Ankit Ojha लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीSun, 7 May 2023 07:56 AM
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बिहार में विवाद के बीच राष्ट्रपति को न्योता देने पहुंचे बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री


बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों और शैली की वजह से चर्चा में बने ही रहते हैं। इस समय वह बिहार में कार्यक्रम को लेकर सुर्खियों में हैं। इसी बीच धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने राष्ट्र्पति भवन पहूंचे। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में वह राष्ट्रपति को पुष्पगुच्छ भेंट कर रहे हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक हैंडल से तस्वीर पोस्ट की और लिखा, '8 मार्च 2024 महाशिवरात्रि के अवसर पर पंचम कन्या विवाह मोहत्सव के आमंत्रण हेतु आज भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू जी से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे।'

बता दें कि सियासत की दुनिया में भी बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण काफी चर्चा में रहे। उनसे मिलने कई प्रमुख नेता पहुंच चुके हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस नेता कमलनाथ भी उनके दरबार में पहुंचे थे। 

बिहार में क्यों जारी है विवाद
बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री का पांच दिन का कार्यक्रम पटना में भी होना है। 13 मई को वह पटना पहुंचने वाले हैं। इससे पहले आरजेडी और भाजपा में ठनी हुई है। आरजेडी ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध करने का ऐलान कया है। वहीं भाजपा के सारे ही नेता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में उतर चुके हैं। 

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रेशेखर ने कहा  था कि अगर बागेश्वर वाले बाबा बिहार में नफरत फैलना आ रहे हैं तो सरकार इसकी इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा, ये छद्म लोग हैं और अपनी दुकान चला रहे हैं। ये लोग माइंड रीडिंग करके भगवान बनना चाहते हैं। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। यह देश के लोगों को लिए ठीक नहीं है। भाजपा और इनका अजेंडा नफरत फैलाना है।

वहीं बिहार में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार की धरती ज्ञान विज्ञान और शांति की धरती रही है इसलिए कोई भी संत अगर आता है तो उसका स्वागत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस धरती पर अतिथि को भगवान की तरह पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि धर्म निरपेक्षता का मतलब यह नहीं है कि अपने धर्म का अपमान करें। 

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