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अरुणाचल प्रदेश में बंपर जीत के बाद भी सरकार गठन में क्यों देरी कर रही भाजपा, विपक्ष बोला प्रदेश पर ध्यान नहीं

लोकसभा चुनावों के नतीजों से 2 दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए थे। लेकिन आज भी शपथग्रहण को लेकर कोई हलचल नहीं है। विपक्ष ने भाजपा पर प्रदेश पर ध्यान न देने का आरोप लगाया है।

Admin लाइव हिंदुस्तान, ईटानगरTue, 11 June 2024 05:11 PM
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4 जून को आए लोकसभा चुनावों के दो दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके थे। सिक्किम में मुख्यमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद के साथ शपथ ले चुके हैं। देश में मोदी सरकार की शपथ हो गई है, मंत्रालयों के बंटवारे भी हो चुके हैं लेकिन अभी तक अरुणाचल प्रदेश में सरकार के गठन को लेकर अभी कोई तारीख सामने नहीं आई है। भाजपा के संसदीय बोर्ड ने मंगलवार को सांसद रविशंकर प्रसाद और नेता तरुण चुघ को पार्टी की तरफ से पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। लेकिन अभी उनके ईटानगर जाने की तारीख तय नहीं है।  

यहां पर सरकार में बैठी भाजपा एक बार फिर से चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीती है। विधानसभा की 60 सीटों में से भाजपा को 46 सीटें मिली हैं। एनडीए की साथी पार्टी एनपीपी को भी 5 सीटों पर जीत मिली है ऐसे में 60 सीटों की विधानसभा में एनडीए को 51 सीटें प्राप्त हैं। 2016 से प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू एक बार से मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं।

शपथ में देरी पर भाजपा की सफाई

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बियुराम वाहगे ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू और बाकी के विधायक और भाजपा नेता केन्द्रीय सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए गए हुए है, हम उनके और हाईकमान की तरफ से पर्यवेक्षकों का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही वह यहां आते हैं और नए विधायकों के साथ मिलकर विधायक दल के नेता का चुनाव कर लेते हैं। वैसे ही शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। फिलहाल कोई तारीख तय नहीं हुई है।

कांग्रेस ने कसा तंज

शपथ ग्रहण में हुई देरी पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नबाम तुकी ने कहा नई सरकार के बनने में इतनी देर होना प्रदेश के लिए ठीक नहीं है यह प्रदेश के विकास और प्रशासन के लिए ठीक नहीं है। लेकिन भाजपा के अंदर ऐसे ही काम होता है। प्रदेश ईकाई बिना हाईकमान के निर्देश के एक इंच भी नहीं बढ़ सकती।
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल कैवल्य परनायक ने 2 जून को विधानसभा भंग कर दी थी और मुख्यमंत्री पेमा खांडू को नई सरकार के पदभार ग्रहण करने तक मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने के लिए कहा था। 

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