इस राज्य में एक झटके में बंद हुए 600 सरकारी स्कूल, क्यों लिया सरकार ने ऐसा फैसला
अरुणाचल प्रदेश में 600 से ज्यादा स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। अरुणाचल सरकार ने कहा है कि यहां शून्य और कम नामांकन वाले ऐसे कई स्कूलों को पहले ही बंद किया जा चुका है।
अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पासंग दोरजी सोना ने बुधवार को कहा कि सरकार ने राज्य के लगभग 600 स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। ऐसे स्कूल या तो काम नहीं कर रहे थे या इनमें पिछले कई दिनों से कोई दाखिला नहीं लिया गया था। विधानसभा में कांग्रेस के एकमात्र विधायक कुमार वाई के सवाल का जवाब देते हुए दोरजी सोना ने कहा कि सरकार शून्य या कम नामांकन वाले ऐसे और स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 600 ऐसे स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं या उन्हें दूसरे स्कूलों के साथ मिला दिया गया है।
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश में 2,800 से ज्यादा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक सरकारी स्कूल हैं। इन स्कूलों में 7,600 से अधिक नियमित शिक्षक हैं। शिक्षा मंत्री सोना ने यह भी कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री शिक्षा कोष (एमएमएसके) के तहत अस्थायी व्यवस्था के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा है कि इससे शिक्षकों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग से अनुरोध किया है।
हालांकि 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा नामांकन प्रतिशत दर्ज किया गया था। एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले पंद्रह सालों में राज्य में 6 से 14 साल के बच्चों में रिकॉर्ड 95 फीसदी नामांकन दर्ज किया गया। इसमें यह जिक्र भी किया गया कि कोराना महामारी के दौरान भी 2022 में इस उम्र के लगभग 98.4 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल के दाखिला लिया।