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'गिरफ्तार रूसी हैकर ने JEE-Mains में 820 छात्रों को चीटिंग करने में की थी मदद', CBI का कोर्ट के सामने बड़ा खुलासा

सीबीआई ने पिछले साल हुई आईआईटी जेईई (मुख्य) परीक्षा में कथित हेरफेर के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक रूसी नागरिक मिखाइल शार्गिन को पकड़ा था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 4 Oct 2022 04:52 PM
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रूसी हैकर मिखाइल शार्गिन के बारे में सीबीआई ने कोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि मिखाइल शार्गिन ने उसके शुरुआती अनुमानों से कहीं अधिक छात्रों को धोखाधड़ी में सहायता की। गौरतलब है कि सीबीआई ने पिछले साल हुई आईआईटी जेईई (मुख्य) परीक्षा में कथित हेरफेर के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में सोमवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक रूसी नागरिक मिखाइल शार्गिन को पकड़ा था। मंगलवार को मिखाइल को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया। 

सीबीआई ने अदलात को बताया कि आईआईटी प्रवेश परीक्षा के इनलाइन सिस्टम में हेरफेर करके मिखाइल ने 820 छात्रों द्वारा धोखाधड़ी में सहायता की थी। यह उसके प्रारंभिक अनुमानों से कहीं अधिक है। अदालत ने 25 वर्षीय मिखाइल को दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। सीबीआई की जांच में संकेत मिला है कि शार्गिन ने कथित रूप से आईलियॉन सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ की थी। इस सॉफ्टवेयर पर जेईई (मुख्य)-2021 परीक्षा आयोजित की गई थी। अधिकारियों के अनुसार शार्गिन ने परीक्षा के दौरान संदिग्ध अभ्यर्थियों के कम्प्यूटर सिस्टम को हैक करने में अन्य आरोपियों की भी मदद भी की थी।

पिछले साल सितंबर में हुई इस परीक्षा में 9 लाख से अधिक छात्र उपस्थि हुए थे। इसे केवल ऑनलाइन ही आयोजित किया जाता है। परीक्षा बेहद 'सुरक्षित' कंप्यूटरों पर आयोजित की जाती है। जांच में कहा गया है कि मिखाइल शार्गिन ने सिस्टम को हैक किया था ताकि छात्र अपने सहयोगियों को अपने कंप्यूटर का "रिमोट एक्सेस" दे सकें। बाद में छात्र के सहयोगियों ने कहीं और बैठकर कंप्यूटर पर प्रश्न पत्र हल किए थे। आसान शब्दों में कहें तो एग्जाम सेंटर के बाहर बैठे "शिक्षक" या "कोच" छात्रों के कंप्यूटरों को हैंडल कर रहे थे और उनके प्रश्नों को हल कर रहे थे। अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

सीबीआई ने आज अदालत को बताया कि शार्गिन जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। एजेंसी ने कहा, "वह एक पेशेवर हैकर है, और उसने जेईई मेन्स परीक्षा के सॉफ्टवेयर में सेंध लगाई।" इस सॉफ्टवेयर को विश्व प्रसिद्ध टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज या टीसीएस द्वारा प्रदान किया जाता है। वहीं शार्गिन ने अदालत से कहा कि अगर सीबीआई उसकी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का एक्सेस चाहती है तो यह उसकी निगरानी में हो। सीबीआई ने अदालत से उसे अपना यूजर नेम और पासवर्ड शेयर करने का निर्देश देने के लिए कहा है।

इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कथित छेड़छाड़ के लिए मिखाइल के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी किया था जिस पर मुख्य हैकर होने का संदेह है। अधिकारियों ने बताया कि जब रूसी नागरिक शरगिन कजाकिस्तान के अलमाती से हवाईअड्डे पर पहुंचा तो आव्रजन ब्यूरो ने सीबीआई को सतर्क किया। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उसे तत्काल रोका और जेईई परीक्षा में छेड़छाड़ के सिलसिले में उससे पूछताछ की जा रही है।

एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में ‘एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड’ और उसके तीन निदेशकों- सिद्धार्थ कृष्ण, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कुछ अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया। आरोप है कि तीनों निदेशक अन्य सहयोगियों और दलालों के साथ साजिश रचते हुए जेईई (मुख्य) की ऑनलाइन परीक्षा में हेरफेर कर रहे थे और अभ्यर्थियों से भारी रकम लेकर देश के शीर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में उन्हें प्रवेश दिला रहे थे। आरोपों के अनुसार, हरियाणा के सोनीपत में एक चयनित परीक्षा केंद्र से आवेदकों के प्रश्नपत्रों को प्रौद्योगिकी की मदद से हल कराया जा रहा था।
 

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