गणतंत्र दिवस: आज राजपथ पर अपना करतब दिखाएंगे अपाचे और चिनूक, धनुष को देख कांप जाएंगे दुश्मनों के रूह
यूं तो वतन की ताकत हर आम-ओ-खास हिन्दुस्तानी है, पर भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान की बदौलत यह मुल्क दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की पंक्ति में खड़ा है। सेना को मजबूत बनाता है जवानों का हौसला और...
यूं तो वतन की ताकत हर आम-ओ-खास हिन्दुस्तानी है, पर भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान की बदौलत यह मुल्क दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की पंक्ति में खड़ा है। सेना को मजबूत बनाता है जवानों का हौसला और हथियार। हमारे जखीरे में घातक हथियार लगातार शामिल हो रहे हैं। आज राजपथ पर आपको चार अत्याधुनिक घातक हथियारों की झलक मिलेगी।
एएसएटी मिसाइल: इसे 'मिशन शक्ति' नाम दिया गया जो कि एक सेटेलाइट रोधी प्रणाली है। इसके जरिए अंतरिक्ष में जीवित उपग्रह को पूर्व-निर्धारित लक्ष्य साधकर नष्ट किया जा सकता है। यह तकनीक अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन के पास है। पीएम मोदी ने टेलीविजन प्रसारण में इस सफलता की घोषणा की थी।
अपाचे: इसका पूरा नाम बोइंग एएच-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसमें दो टर्बोशाफ्ट इंजन और चार ब्लेड लगे हैं। इसमें नाइट विजन तकनीक है, जिससे यह रात में लक्ष्य भेद सकता है। अमेरिकी सेना भी इसी हेलीकॉप्टर का प्रयोग करती है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में आठ अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हुए हैं, इसकी खरीद करने वाला भारत दुनिया का 16वां देश है।
चिनूक: सीएच-47 एफ चिनूक हेलीकॉप्टर से भारतीय सेना को हथियार व रसद ले जाने में मदद मिलेगी। वायु सेना ने कुल 15 चिनूक खरीदे हैं। यह हेलीकॉप्टर 11 टन भार उठा सकता है। सामान्य हेलीकॉप्टर के विपरीत इसमें सिंगल रोटर इंजन है, जिससे यह घनी पहाड़ियों के बीच उड़ान भर सकता है। यह छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतर सकता है।
धनुष: इसे स्वदेशी बोफोर्स कहा जाता है। इसका विकास जबलपुर के ऑर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड ने किया है। इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है। एक तोप एक घंटे में 42 राउंड फायर कर सकने में सक्षम है। 13 टन से भी कम वजन की होने के कारण इसे आसानी से किसी भी दुर्गम इलाके तक ले जाया जा सकता है।