7 घंटे में पहुंचेंगे अमरनाथ गुफा, 5300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं से आसान होगी यात्रा
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 3500 करोड़ रुपये की लागत से चांदवारी से पंचतरणी और बालटाल तक 34 किलोमीटर लंबा दो लेन का ट्रैक और शेषनाग से पंचतरणी तक 10.8 किलोमीटर लंबी सुरंग भी शामिल है।
अमरनाथ तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी राहत मिलने वाली है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने सोमवार को 5300 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की। इसमें 110 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को खन्नाबल से चंदनवारी तक चार लेन की सड़क में बदलना और हिमालय के बीच बसे गुफा मंदिर तक चढ़ाई वाली पटरियों और सुरंग का निर्माण करना शामिल है। उन्होंने कटरा में मीडियाकर्मियों से कहा “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि सरकार ने अमरनाथ गुफा तीर्थ तक 1800 करोड़ रुपये (पटरियों और 10.8 किलोमीटर लंबी सुरंग सहित) की लागत से खन्नाबल से चंदनवाड़ी तक 73 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क के निर्माण के लिए 5300 करोड़ रुपये की परियोजना को अपनी सहमति दे दी है।"
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 3500 करोड़ रुपये की लागत से चांदवारी से पंचतरणी और बालटाल तक 34 किलोमीटर लंबा दो लेन का ट्रैक और शेषनाग से पंचतरणी तक 10.8 किलोमीटर लंबी सुरंग भी शामिल है। गडकरी ने कहा, "पंचतरणी से पवित्र गुफा मंदिर तक पांच किमी की दूरी के लिए 5.5 मीटर चौड़ा कंक्रीट का फुट ट्रैक भी बनाया जाएगा, जिसके दोनों ओर बैरिकेड्स होंगे।" उन्होंने कहा, "वर्तमान में, श्रीनगर (चंदनवाड़ी के पारंपरिक मार्ग से) से गुफा मंदिर तक पहुंचने में तीन दिन लगते हैं, लेकिन परियोजना पूरी होने के बाद गुफा मंदिर तक पहुंचने में केवल 7 से 8 घंटे लगेंगे।" उन्होंने 750 करोड़ रुपये की लागत से बालटाल के छोटे मार्ग से गुफा मंदिर तक 9 किमी लंबे रोपवे के निर्माण की भी घोषणा की। परियोजनाओं के टेंडर इसी साल नवंबर-दिसंबर में जारी किए जाएंगे।
40,000 करोड़ रुपये के दिल्ली-अमृतसर-कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को लेकर उन्होंने कहा, "वर्तमान में दिल्ली से कटरा तक कुल लंबाई 727 किलोमीटर है, लेकिन एक बार पूरा होने के बाद दूरी 58 किलोमीटर कम हो जाएगी। हालांकि परियोजना को पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2024 है लेकिन हम इसे आम चुनाव से पहले मई में पूरा करने की कोशिश करेंगे, वह भी आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले। मई (अगले साल) में हमारे यहां चुनाव हैं और चुनाव से पहले हमें इसका उद्घाटन करना है। नहीं तो हमें (चुनाव के बाद) क्या फायदा होगा...। मुझे ऐसा कहने में कोई रोक नहीं है और मैंने एनएचएआई को बता दिया है कि यह आदर्श आचार संहिता की घोषणा से पहले किया जाना है। पीएम अगले साल फरवरी-मार्च में इसका उद्घाटन करेंगे।"
उन्होंने बताया कि एक बार पूरा होने के बाद दिल्ली से यात्री चार घंटे में अमृतसर, छह घंटे में कटरा और आठ घंटे में श्रीनगर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि एक बार एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद कोई भी हवाई मार्ग से माता वैष्णो देवी आएगा।" गडकरी ने यह भी बताया कि भाजपा सरकार ने अब एक्सप्रेसवे परियोजना में चार गुरुद्वारों को शामिल किया है जिसमें अमृतसर में स्वर्ण मंदिर, कपूरथला का सुल्तानपुर लोधी गुरुद्वारा, तरनतारन में खडूर साहिब गुरुद्वारा शामिल हैं। ग्रीफील्ड एक्सप्रेसवे अंबाला, मोहाली, संगरूर, पटियाला, लुधियाना, कपूरथलाल, जालंधर, कठुआ और सांबा को जोड़ेगा।
इससे पहले, एलजी मनोज सिन्हा के साथ गडकरी ने जम्मू के श्रीनगर-बनिहाल खंड से उधमपुर-रामबन-बनिहाल से श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) का निरीक्षण किया, जो जम्मू और श्रीनगर के बीच सभी मौसम की कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बनाया जा रहा है।
जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की लागत से तीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इसके तहत जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल और आगे श्रीनगर तक के पहले कॉरिडोर में श्रीनगर से बनिहाल तक का सेक्शन शामिल है। 250 किलोमीटर लंबाई की यह 4 लेन सड़क 16 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। इसमें से 210 किमी के रूट को 4 लेन का पूरा कर लिया गया है, जिसमें 21.5 किमी की 10 सुरंगें शामिल हैं।