Hindi Newsदेश न्यूज़Angry Rajnath Singh left the front seat in the Lok Sabha went back and presented the bill Parliament news - India Hindi News

गुस्साए राजनाथ सिंह ने छोड़ दी लोकसभा में आगे की कुर्सी, पीछे जाकर पेश किया बिल

रक्षा मंत्री ने कहा कि महोदय ऐसी स्थिति में मेरी तरफ से विचार किया जाना संभव नहीं है, मैं यहां नहीं बोल सकता हूं। उन्होंने डिप्टी स्पीकर राजेंद्र अग्रवाल से पीछे जाकर बोलने की अनुमति मांगी।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 4 Aug 2023 01:36 PM
share Share
Follow Us on
गुस्साए राजनाथ सिंह ने छोड़ दी लोकसभा में आगे की कुर्सी, पीछे जाकर पेश किया बिल

Parliament Monsoon Session 2023: लोकसभा में कार्यवाही से ज्यादा हंगामा शुक्रवार को भी हुआ। नतीजा यह हुआ कि बिल पेश करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नाराज हो गए। उन्होंने आगे की कुर्सी छोड़कर पीछे जाने का फैसला किया। इससे पहले स्पीकर ओम बिरला भी सत्तापक्ष और विपक्ष के बर्ताव को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने सदन में आने से ही इनकार कर दिया था।

लोकसभा में बिल पर बात रखने की तैयारी कर रहे सिंह बोलने ही वाले थे कि विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। नौबत यहां तक आ गई कि सांसद वेल में आकर हंगामा करने लगे। इसी बीच रक्षा मंत्री से जब बिल पेश करने के लिए कहा तो उन्होंने स्पीकर से पीछे जाने की अनुमति मांग ली। खबर है कि सिंह ने कहा कि महोदय हमारे सामने ही शोर शराबा हो रहा है, अगर इजाजत दें, तो पीछे जाकर अपनी बात कह लूं।

मैं ऐसी स्थिति में नहीं बोल सकता- सिंह
रक्षा मंत्री ने कहा कि महोदय ऐसी स्थिति में मेरी तरफ से विचार किया जाना संभव नहीं है, मैं यहां नहीं बोल सकता हूं। उन्होंने डिप्टी स्पीकर राजेंद्र अग्रवाल से पीछे जाकर बोलने की अनुमति मांगी।

कई सांसदों ने दी सीट, लेकिन नहीं माने राजनाथ
कुर्सी छोड़कर पीछे की ओर बढ़ चले राजनाथ सिंह को कई सांसदों की ओर से गद्दी की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने पीछे जाकर अपनी बात को रखना शुरू कर दिया। इस दौरान उपसभापति ने भी सांसदों के हंगामे की निंदा की और कहा कि मंत्री को पीछे जाकर बोलना पड़े यह अच्छी बात नहीं है।

कौन सा विधेयक हुआ पेश
अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हो गया है। सिंह ने कहा, 'मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक में कोई अतिरिक्त वित्तीय निहितार्थ शामिल नहीं है।' उन्होंने कहा, 'यह विधेयक हमारी सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों में एकीकरण और एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे वे एकजुट और एकीकृत तरीके से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे।'

अगला लेखऐप पर पढ़ें