सत्यपाल मलिक पर जिस प्रोजेक्ट के केस में पड़ी CBI की रेड, कैसा है उसका हाल
सत्यपाल मलिक पर जिस प्रोजेक्ट के सिलसिले में सीबीआई की रेड पड़ी है आखिर वह किस हाल में है। प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक 624 मेगावॉट का यह प्रोजेक्ट किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर बन रहा है।
सत्यपाल मलिक पर जिस प्रोजेक्ट के सिलसिले में सीबीआई की रेड पड़ी है आखिर वह किस हाल में है। बता दें कि 624 मेगावॉट का यह प्रोजेक्ट किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर बन रहा है। प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक विवादों के बावजूद प्रोजेक्ट अपनी तय समयावधि के हिसाब से चल रहा है। गौरतलब है कि 2019 में किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट एक प्राइवेट कंपनी को देने के दौरान धांधली के आरोपों के बाद सीबीआई ने यह केस दर्ज किया था। 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इसमें एक किरू बिजली प्रोजेक्ट से संबंधित था।
CBI रेड से भड़के सत्यपाल मलिक
2025 है डेडलाइन
प्रोजेक्ट से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट नेशनल हाइड्रॉलिक पॉवर कॉरपोरेशन और जम्मू कश्मीर एंड स्टेट पॉवर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का ज्वॉइंट वेंचर है। इसमें नेशनल की भागीदारी 51 फीसदी, जबकि राज्य की भागीदारी 49 फीसदी है। प्रोजेक्ट की शुरुआत 2019 में हुई और साल 2020 में इसने 2020 में रफ्तार पकड़ी थी। अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन गवर्नर सत्यपाल मलिक के भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद इस पर काम चलता रहा। यह प्रोजेक्ट पत्थरनक्की और कीरू जिले के करीब चेनाब नदी पर बनाया जा रहा है, जोकि किश्तवाड़ से 42 किमी दूर है। किश्तवाड़ जिला प्रशासन ने डैम की साइट तक अप्रोच रोड भी तैयार की है। इसके अलावा क्षेत्र में लगातार होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ पुलिया भी बनाई गई हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रोजेक्ट को लेकर घोटालों के आरोप पर सीबीआई की जांच एक दूसरा मामला है। यह प्रोजेक्ट अपने हिसाब से चल रहा है और इसकी डेडलाइन 2025 है।
सत्यपाल मलिक के घर सीबीआई की रेड
ऐसी होगी क्षमता
जेकेएसपीडीसी के एमडी पंकज मगोत्रा ने कहाकि प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) ने पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को निविदा आवंटित की है और वे सही रास्ते पर हैं। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट की रिवाइज्ड कॉस्ट 5300 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। प्रोजेक्ट में किरू के पास 135 मीटर ऊंचे कंक्रीट बांध का निर्माण शामिल है। इसके अलावा बिजलीघर किरू के पास नदी के बाएं किनारे पर बनेगा। यहां बनने वाला पावरहाउस कैवर्न 182 मीटर लंबा, 23.6 मीटर चौड़ा और 51.2 मीटर ऊंचा होगा। इसमें चार वर्टिकल फ्रांसिस टर्बाइन होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 156 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता होगी। इसमें 117.98 मीटर का रेटेड हेड होगा। पावर हाउस कॉम्प्लेक्स के हिस्से के रूप में 137 मीटर लंबा, 17 मीटर चौड़ा और 15 मीटर ऊंचा ट्रांसफार्मर-कम-ड्राफ्ट ट्यूब गेट कैवर्न भी बनाया जाएगा।