अमेरिका ने 82000 भारतीय छात्रों को दिया वीजा, एक साल में बना रिकॉर्ड
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास और चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में वाणिज्य दूतावासों ने मई से अगस्त तक छात्र वीजा आवेदनों को प्राथमिकता दी है।
अमेरिका ने इस साल भारतीय छात्रों को रिकॉर्ड 82,000 छात्र वीजा जारी किए हैं, जो पिछले किसी भी वर्ष की तुलना में सबसे अधिक है। इतना ही नहीं भारतीय छात्रों को किसी भी अन्य देश की तुलना में इस साल सबसे अधिक अमेरिकी छात्र वीजा प्राप्त हुए हैं।
दूतावास ने छात्र वीजा आवेदनों को प्राथमिकता दी
दरअसल, एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास और चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में वाणिज्य दूतावासों ने मई से अगस्त तक छात्र वीजा आवेदनों को प्राथमिकता दी है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक योग्य छात्र निर्धारित समय पर अपने अध्ययन के कार्यक्रमों में पहुंच सकें।
82,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में बताया कि हमने अकेले इस सीजन में 82,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए, जो पिछले किसी भी वर्ष की तुलना में अधिक है। इससे पता चलता है कि अधिकांश भारतीय परिवारों के लिए अमेरिका उच्च शिक्षा के लिए सबसे अधिक मांग वाला देश बना हुआ है।
'भारतीय छात्रों का महत्वपूर्ण योगदान'
भारत में वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक पेट्रीसिया लैसीना ने कहा कि हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि इतने सारे छात्र कोरोना महामारी के कारण पिछली बार देरी के बाद वीजा प्राप्त करने और अपने विश्वविद्यालयों तक पहुंचने में सफल हुए। लैसीना ने कहा कि यह भारतीय छात्रों के महत्वपूर्ण योगदान को भी उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी अमेरिका अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए मुफीद बना रहा। अमेरिकी सरकार और उच्च शिक्षा संस्थानों ने 2020 में व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन और हाइब्रिड शिक्षण के माध्यम से छात्रों का सुरक्षित माहौल देने की भरपूर कोशिश की।
'कुल में से अकेले 20 प्रतिशत छात्र भारत के'
आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत छात्र भारत के शामिल हैं। 2021 में ओपन डोर्स रिपोर्ट में दिखाया गया है कि 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के दौरान भारत से 167,582 छात्र थे। कॉन्सुलर मामलों के मंत्री परामर्शदाता डॉन हेफ्लिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्र गतिशीलता अमेरिकी कूटनीति के लिए केंद्रीय है, और भारत से बड़ा छात्रों का योगदान कहीं का भी नहीं है।