Hindi Newsदेश न्यूज़AIMIM Chief Asaduddin Owaisi questions regarding representation of Muslims in Parliament - India Hindi News

मुसलमान कोई वोट डालने वाली मशीन हैं क्या, हम ATM भी नहीं कि...; क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी

ओवैसी ने कहा, 'भारत के लोकतंत्र को लेकर दावा किया जाता है कि इसमें हर किसी का प्रतिनिधित्व शामिल है। लोकतंत्र में हर समाज का एमपी जीतकर जाता है, मगर महाराष्ट्र से एक भी मुस्लिम नहीं जीतता है।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईSat, 13 July 2024 10:25 PM
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में OBC समुदाय के एमपी जीतकर आए, मगर एक भी मुसलमान सांसद नहीं जीता। ओवैसी ने कहा, 'भारत के लोकतंत्र को लेकर दावा किया जाता है कि इसमें हर किसी का प्रतिनिधित्व शामिल है। लोकतंत्र में हर समाज का एमपी जीतकर जाता है, मगर महाराष्ट्र से एक भी मुस्लिम नहीं जीतता है। ऐसे में यह बात सोचने वाली तो है।' उन्होंने कहा कि औरंगाबाद से इम्तियाज अली नहीं जीत पाए। इसे लेकर राज्य के पूरे मुस्लिम समाज में गुस्सा है और सवाल पूछा जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि हर समाज का व्यक्ति जीत रहा है, लेकिन हमारा एक सांसद था जिसे मिलकर हरा दिया गया। यही सच्चाई है। 

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'भारत की संसद में ऐसा पहली बार हुआ है जब उच्च जाति और ओबीसी का प्रतिनिधित्व बराबर हो गया है। देश में मुसलमानों की आबादी 14 प्रतिशत है, मगर केवल 4 फीसदी एमपी जीतकर आए हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर मुसलमानों को वोट डालने से क्यों पीछे हटा जा रहा है। मुस्लिमों को तो सभी को झोली भर-भरकर वोट डालना चाहिए।' उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हम वोट दे रहे हैं तो हमें वोट क्यों नहीं दिया जा रहा है?  तमाम राजनीतिक दलों से यह मेरा सवाल है। 

ओवैसी बोले- मुसलमानों को भी सोचनी चाहिए कि...
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि यह बात मुसलमानों को भी सोचनी चाहिए कि हम वोट डालने वाली मशीन तो नहीं हैं न। हम एटीएम भी नहीं हैं कि तुम आओ दबा दो और हम वोट डालते जाएं। बीते दिनों ओवैसी ने आरोप लगाया था कि तीन नए आपराधिक कानूनों का इस्तेमाल गरीबों, कमजोर वर्गों, मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के खिलाफ ज्यादा किया जाएगा। हैदराबाद के सांसद ने कहा, नए कानूनों में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि अगर पुलिस कोई गलती करती है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। नए कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम से भी ज्यादा खतरनाक हैं।'

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