सुषमा स्वराज के निधन के बाद बांसुरी ने वकील को चुकाई थी 1 रुपये की फीस, यूं निभाया मां का वादा
सुषमा स्वराज के निधन के बाद बांसुरी स्वराज ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को एक रुपये की फीस चुकाई थी। यह फीस कुलभूषण जाधव केस की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को नई दिल्ली लोकसभा सीट से टिकट दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी उनकी उम्मीदवारी पर सवाल खड़े कर रही है। आतिशी ने आरोप लगाया है कि वह कोर्ट में देश विरोधी लोगों के साथ खड़ी होती हैं। बता दें कि बांसुरी स्वराज पेशे से वकील हैं। बांसुरी स्वराज को नई दिल्ली जैसी सीट से टिकट देना भाजपा की ओर से सुषमा स्वराज जैसी दिग्गज नेता को सम्मान दिए जाने के तौर पर भी देखा जा रहा है। 6 अगस्त 2019 को दिल्ली के AIIMS उनका निधन हो गया था।
निधन से कुछ समय पहले ही सुषमा स्वराज ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से एक वादा किया था। दुर्भाग्यवश वह वादा पूरा नहीं कर पाईं और उनका देहांत हो गया। हालांकि बांसुरी स्वराज ने अपनी मां का वह वादा पूरा किया। यह पूरा मामला एक रुपये की फीस को लेकर था। दरअसल वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जिस्टस में कुलभूषण जाधव का केस लड़ने के लिए सिर्फ एक रुपये फीस लेने की बात कही थी। इसे बाद सुष मा स्वराज ने हरीश साल्वे को फोन करके कहा था कि घर चले आना और अपनी 1 रुपये की फीस ले जाना।
कुछ दिन बाद ही सुषमा स्वराज का निधन हो गया। उस बीच हरीश साल्वे उनसे मिलने भी नहीं पहुंच पाए। बाद में बांसुरी स्वराज हरीश साल्वे से मिलने उनके आवास पर पहुंची और 1 रुपये की फीस उन्हें अदा की। इस तरह उन्होंने मां का वादा निभा दिया। कौशल स्वराज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कि बांसुरी ने आज अपनी मां की आखिरी इच्छा पूरी कर दी।
बता दें कि भाजपा ने बांसुरी को जिस सीट से उतारा है वह बेहद अहम मानीजाती है। इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और एलके आडवाणी भी चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं पिछली बार इस सीट पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने जीत दर्ज की थी। इस बार नई दिल्ली सीट पर उनका टिकट काट दिया गया है। दिल्ली में अब तक पांच सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है जिसमें से चार पर चेहरे बदल दिए गए हैं। केवल मनोज तिवारी पर एक बार फिर से भरोसा जताया गया है।