लोकसभा चुनाव में 14 सीटों के नुकसान के बाद भी पीएम मोदी ने महाराष्ट्र से चुने 6 मंत्री, क्या वजह
लोकसभा चुनाव में 14 सीटों के नुकसान के बाद ने महाराष्ट्र से 6 लोग नरेंद्र मोदी के 71 सदस्यीय मंत्रिमंडल में चुने गए हैं। इनमें से चार सीटें भाजपा को और दो सीटें सहयोगी दलों को मिली है।
लोकसभा चुनाव में 14 सीटों के नुकसान के बाद ने महाराष्ट्र से मंत्रिमंडल 6 लोगों को जगह दी गई है। मोदी के 71 सदस्यीय मंत्रिमंडल में इन 6 लोगों को जगह दी गई है। इनमें से चार सीटें भाजपा को और दो सीटें सहयोगी दलों को मिली है। मोदी ने यहां के दो वरिष्ठ नेताओं नितिन गडकरी और पीयूष गोयल को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया है। इनके अलावा महाराष्ट्र से चुने गए भाजपा के 17 सांसदों में से दो और लोगों- रक्षा खडसे और मुरलीधर मोहोल को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वहीं पिछली मोदी सरकार में एमएसएमई मंत्री रहे नारायण राणे को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। राणे रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र से चुने गए हैं। पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड को भी मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है।
रक्षा खडसे लेवा पाटिल का करती हैं प्रतिनिधित्व
अब सवाल यह उठता है कि भाजपा के दो नए चेहरे चुनने के क्या कारण हैं? इसमें पहला नाम रक्षा खडसे का है जो उत्तर महाराष्ट्र के रावेर निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार लोकसभा के लिए चुनी गई हैं। वह महाराष्ट्र से भाजपा की दो महिला सांसदों में से एक हैं। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री भारती पवार सहित चार अन्य महिला उम्मीदवार चुनाव हार गईं। रक्षा पूर्व भाजपा नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं, जो भाजपा के शीर्ष नेताओं पर उन्हें दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए राकांपा में शामिल हो गए थे। रक्षा खडसे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना एकनाथ खडसे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। रक्षा लेवा पाटिल समुदाय से आती हैं, जिसकी उत्तरी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मजबूत उपस्थिति है।
शिवाजी महाराज के वंशज की जगह मुरलीधर मोहोल को मौका
दूसरा नाम मुरलीधर मोहोल का है, जो भाजपा के टिकट पर पुणे से चुने गए थे। मोहोल मराठा हैं और वे पश्चिमी महाराष्ट्र से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो राज्य में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। भाजपा पश्चिमी महाराष्ट्र में दस में से दो सीटें जीती हैं और दो सीटें भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने जीती हैं। एमवीए को पांच सीटों पर जीत मिली है। दो सीटें भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने जीती हैं, जबकि सांगली से एक निर्दलीय ने जीत हासिल की है, जिसने कांग्रेस का समर्थन किया है। इस साल सितंबर-अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में अगर तीन दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को सत्ता में लौटना है तो यह क्षेत्र उसके लिए महत्वपूर्ण होगा। पार्टी ने मराठा समुदाय को शांत करने के अपने प्रयास की पृष्ठभूमि में युवा मराठा नेता को बढ़ावा दिया है, जो मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल के मराठा आरक्षण मुद्दे पर आंदोलन से निपटने को लेकर राज्य में अपनी सरकार से नाराज़ है। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले की जगह मोहोल को चुना, जो सतारा से चुने गए थे।
सभी क्षेत्रों को साधने की कोशिश
मोदी ने दलित नेता रामदास अठावले को भी फिर से शामिल किया है। इससे बीजेपी ने उन आरोपों पर प्रतिक्रिया देने की कोशिश की है कि भाजपा अगर भारी बहुमत से फिर से चुनी जाती है तो देश के संविधान को बदल देगी। महाराष्ट्र में तीन दलों के गठबंधन में अठावले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) को एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन उन्हें तीसरी बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। क्षेत्रों की बात करें तो गडकरी विदर्भ से, गोयल मुंबई से, मोहोल पश्चिमी महाराष्ट्र से और खडसे उत्तर महाराष्ट्र से आते हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र, जहां से इस बार एक भी भाजपा सांसद नहीं चुने गए, को केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। पिछली सरकार में दो केंद्रीय मंत्री- रावसाहेब दानवे और भागवत कराड मराठवाड़ा से थे। दानवे चुनाव हार गए, जबकि कराड ने चुनाव नहीं लड़ा। वे राज्यसभा के सदस्य हैं। इस बीच, शिंदे ने अपने सबसे वरिष्ठ सांसद प्रतापराव जाधव को अपनी पार्टी को मिली एकमात्र सीट के लिए चुना है। जाधव चौथी बार विदर्भ क्षेत्र के बुलढाणा लोकसभा सीट से चुने गए हैं। वे उन 13 शिवसेना सांसदों में से एक थे, जो शिंदे के पार्टी तोड़ने पर उनके साथ चले गए थे।