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कैंसर के बोझ से निपटने में मदद कर सकता है 'आयुष्मान भारत' 

आयुष्मान भारत योजना के तहत 15 दिसंबर तक 470,133 कैंसर से जूझ रहे मरीजों का इलाज किया जा चुका है। योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के...

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 15 Dec 2019 03:24 PM
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आयुष्मान भारत योजना के तहत 15 दिसंबर तक 470,133 कैंसर से जूझ रहे मरीजों का इलाज किया जा चुका है। योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 15 दिसंबर, 2019 तक 3,59,327 मरीजों का मेडिकल ऑन्कोलॉजी, 17,421 मरीजों का बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी, विकिरण ऑन्कोलॉजी के तहत 76,444 इलाज किया गया। वहीं 16,941 कैंसर मरीजों की सर्जरी भी आयुष्मान भारत योजना के तहत की गई। 

इस योजना के तहत कैंसर के मरीजों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय लाभार्थियों को बीमारियों की जांच के लिए प्रमाणित व अच्छी प्रयोगशालाओं की सेवाएं प्रदान करने के विकल्प भी तलाश रहा है। इसके लिए मंत्रालय सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का रुख कर सकता है। 

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना/नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ इंदु भूषण कहते हैं," PMJAY में कैंसर तीसरी सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली बीमारी है । इसके बावजूद हम अपने लक्ष्य से काफी पीछे हैं। जागरूकता की कमी, बीमारी की स्क्रीनिंग और कैंसर-केयर सर्विस की कमी से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर बीमारी की शुरुआती जांच की बेहतर सुविधा के जरिए हम बीमारी पर प्रभावी तरीके से जल्दी काबू पा सकते हैं"
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप (PPP) के जरिए PMJAY के लाभार्थियों को बीमारियों की जांच के लिए प्रमाणित प्रयोगशालाओं से गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने पर विचार किया जा रहा है। 

NHA के मुताबिक योजना के तहत सभी आयुवर्गों में पुरुषों की तुलना में कैंसर से पीड़ित महिलाओं का क्लेम ज्यादा है और इसमें सबसे अधिक 45-50 साल की महिलाएं हैं जिनमें स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक है। वहीं पुरुषों में गला, सिर और पेट के कैंसर की शिकायत थी। 

हर साल बढ़ जाते हैं 1,157,294 से अधिक मरीज

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (NICPR) के मुताबिक मार्च 2018 तक करीब 22 लाख से ज्यादा मरीज कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के साथ जी रहे थे। इनमें से 413,519 पुरुष और 371,302 महिलाओं को कैंसर ने निगल लिया।  1,157,294 से अधिक मरीज हर साल बढ़ जाते हैं। इसके अलावा 9।81% पुरुष और 9।42% महिलाओं को 75 साल की आयु तक कैंसर का खतरा मडराता रहता है।  

बता दें 25 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयुष्मान भारत योजना को लागू किया था। इस योजना में 10 करोड़ भारतीयों को बिना किसी प्रीमियम के प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का कैशलेस कवर दिया जाता है। 
आयुष्मान भारत से 15,400 अस्पताल जुड़े
सरकार ने इस योजना में करीब 15,400 अस्पताल को भी जोड़ा है। जिनमें से 50 फीसद निजी अस्पताल हैं। वहीं 'आयुष्मान भारत' योजना निजी अस्पतालों और बीमा कंपनियों के लिए संजीवनी बन चुकी है। माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक व दुनिया के सबसे अमीर शख्स बिल गेट्‍स भी आयुष्मान भारत योजना की तारीफ कर चुके हैं। 
ये बीमारियां PMJAY में शामिल
PMJAY में पुरानी बीमारियों को भी कवर की जाती हैं। किसी बीमारी की स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जा रहे हैं। PM-JAYमें ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च भी शामिल है। किसी बीमारी की स्थिति में सभी मेडिकल जांच/ऑपरेशन/इलाज आदि PM-JAYके तहत कवर होते हैं।

(इनपुट: LiveMint)

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