फ्रांस के साथ 26 राफेल और स्कॉर्पीन पनडुब्बी के सौदे में हो सकती है देरी, कहां अटका है पेंच?
भारत और फ्रांस ने भारतीय सेना के 26 राफेल समुद्री लड़ाकू जेट और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे के तकनीकी और वाणिज्यिक पहलुओं पर बातचीत अभी तक पूरी नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में फ्रांस का दौरा किया था। इस दौरान ऐसा अनुमान था कि फ्रांस के साथ 26 राफेल समुद्री लड़ाकू जेट और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे की औपचारिक घोषणाएं की जाएंगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस की दो दिवसीय यात्रा शुरू की उस दिन रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 26 राफेल एम जेट और तीन पनडुब्बियां हासिल करने के भारतीय नौसेना के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। अब ऐसा बताया जा रहा है कि भारत और फ्रांस ने भारतीय सेना के 26 राफेल समुद्री लड़ाकू जेट और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे के तकनीकी और वाणिज्यिक पहलुओं पर बातचीत अभी तक पूरी नहीं हुई है।
नाम न छापने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा कि 14 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के समापन पर जारी किए गए 25-वर्षीय रोडमैप में शामिल नहीं किए गए दो सौदों को बहुत अधिक तरजीह देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "भारत राफेल एम जेट और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों को प्राप्त करने के बारे में बहुत स्पष्ट है।" सूत्रों ने कहा कि अब अंतिम अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले सौदों के तकनीकी और वाणिज्यिक पहलुओं को अंतिम रूप देने के लिए फ्रांसीसी कंपनियों और भारतीय रक्षा मंत्रालय के खरीद विभाग सहित दोनों पक्षों की संस्थाओं की तरफ से बातचीत की जाएगी।
फ्रांस के नौसेना समूह और राज्य संचालित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने भारत में तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण पर 6 जुलाई को एक रूपरेखा ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। नौसेना समूह ने पनडुब्बियों पर एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम फिट करने के लिए जनवरी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पहले के सौदे और एमडीएल ने प्रोजेक्ट-75 नाम के 23,562 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तहत नौसेना समूह की तकनीक के साथ छह स्कॉर्पीन या कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण का करार पहले किया गया था। चूंकि मूल सौदा 2005 में संपन्न हुआ था, इसलिए मूल्य निर्धारण पर और चर्चा जरूरी हो जाती है। सूत्रों ने कहा कि राफेल एम जेट और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे पटरी पर हैं, हालांकि दोनों पक्षों को मूल्य निर्धारण, डिलीवरी की तारीख और "मेक इन इंडिया" घटक जैसे मुद्दों पर बातचीत करनी है। दोनों सौदों का संयुक्त मूल्य 9 बिलियन यूरो से 10 बिलियन यूरो होने का अनुमान है, हालांकि अंतिम कीमत भारत और फ्रांस के बीच बातचीत के बाद निर्धारित की जाएगी।
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