Hindi Newsदेश न्यूज़14 barred Patanjali products sold across counter at dedicated stores even banned - India Hindi News

धड़ल्ले से ये 14 दवाएं बेच रहे हैं बाबा रामदेव, पतंजलि ने SC को कुछ और ही बताया; स्टिंग ऑपरेशन में खुली पोल

Patanjali: सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि आयुर्वेद के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड गौतम तालुकदार ने कहा,

Himanshu Jha जिग्नासा सिंह, संजीव कुमार झा, रुचिर कुमार और अमित बठला, हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्ली।Thu, 11 July 2024 10:31 AM
share Share

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार की सुबह पतंजलि आयुर्वेद को यह सबूत देने का निर्देश दिया कि उसने अप्रैल में उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग विभाग द्वारा प्रतिबंधित 14 उत्पादों की बिक्री और विज्ञापन बंद कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट इससे यह पुष्टि करना चाहता है कि पतंजलि ने सभी स्टोर मालिकों, विज्ञापन आउटलेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को प्रतिबंध का पालन करने के निर्देश जारी किए थे। 

मंगलवार और बुधवार को हिन्दुस्तान टाइम्स ने चार प्रमुख शहरों नई दिल्ली, लखनऊ, पटना और देहरादून में पतंजलि स्टोर का दौरा किया। इस दौरान हमारी टीम पतंजिल के विभिन्न स्टोर से बैन किए गए उत्पादों को खरीदने में सक्षम रही। इनमें से प्रत्येक खरीदारी रसीद भी प्राप्त हुई। कुछ दुकानों में बैन किए गए सभी 14 सामान उपलब्ध नहीं थे। स्टॉक की कमी का हवाला दिया गया। किसी ने यह नहीं कहा कि इसकी सप्लाई बंद कर दी गई है। 

कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, "पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हलफनामे में बताए कि क्या 14 आयुर्वेदिक दवाओं को वापस ले लिया गया है।" पतंजलि के वकीलों ने न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के निर्देश को स्वीकार कर लिया, जिसमें फर्म को हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। हलफनामा दो सप्ताह के भीतर दायर किया जाना था और मामले की सुनवाई 30 जुलाई को निर्धारित है। 

सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि आयुर्वेद के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड गौतम तालुकदार ने कहा, "उत्तराखंड सरकार द्वारा पारित निलंबन को रद्द करने का आदेश अभी तक पतंजलि को नहीं बताया गया है। पतंजलि को इसकी जानकारी राज्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे के जरिए मिली। जब तक कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं होता है, पतंजलि 15 अप्रैल को उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा 14 उत्पादों पर लगाए गए निलंबन का पालन करने के लिए बाध्य है।"

जिन 14 पतंजलि उत्पादों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं वे हैं श्वासरि गोल्ड,श्वासरि वटी, ब्रोंकोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रीट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड।

नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पतंजलि स्टोर पर शाम 6.15 बजे हमारी टीम पहुंची। इस दौरान दुकानदार लाइसेंस रद्द होने की जानकारी से अनजान था। उसके पास बैन किए गए 14 उत्पादों में से सात स्टॉक में थे। उन्होंने कहा कि ये व्यापक रूप से इन दवाओं को बेचते हैं। हर दो सप्ताह में अलमारियां खाली हो जाती हैं। उन्होंने कहा, "हम एक साल से अधिक समय से दवाएं बेच रहे हैं। इनमें से सात अभी भी हमारे स्टोर में उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ दिनों से स्टॉक कम है। दवाएँ अगले सप्ताह आएंगी।" 

ईस्ट ऑफ कैलाश में पतंजलि स्टोर पर दुकानदार ने कहा कि उसके पास 14 में से नौ दवाइयों का स्टॉक है, लेकिन उसे प्रतिबंध के बारे में पता नहीं था। उन्होंने कहा, “हमारे पास ईस्ट ऑफ कैलाश, जीके, जंगपुरा, पंचशील पार्क, ग्रीन पार्क और अन्य इलाकों से ग्राहक आते हैं। वे नियमित रूप से हमारी दवाइयां खरीदते हैं। ज्यादातर ग्राहक बुज़ुर्ग पुरुष या मध्यम आयु वर्ग के कपल होते हैं।”

पटना के लोक नायक भवन में प्रगति पतंजलि के आशीष केशरी ने कहा कि उन्हें कंपनी की ओर से अपने आयुर्वेदिक उत्पादों की बिक्री बंद करने की कोई सूचना नहीं मिली है। केशरी ने कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान दवाओं की सप्लाई करीब 10 दिनों के लिए बाधित रही। अगर पतंजलि के किसी भी उत्पाद पर प्रतिबंध लगाया जाता, तो उसकी सप्लाई बंद कर दी जाती है। हम उन्हें नहीं बेच पाते।” एचटी की टीम ने 14 में से 13 उत्पाद 3,215 में खरीदे।

यही हाल बाकी शहरों का भी है। लगभग सभी दुकानों पर धड़ल्ले से बैन की गई दवाइयां बेची जा रही हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें