कर्नाटक में बनने वाले सामना पर कन्नड में ही चिपकाएं लेवल; सिद्धारमैया का आदेश
- डीके शिवकुमार ने भी उनकी इस अपील को दोहराया। शिवकुमार ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग आजीविका के लिए बेंगलुरु और कर्नाटक आए हैं और इसे अपना घर बना लिया है।
कार्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकारी और प्राइवेट कंपनियों द्वारा बनाए गए सभी उत्पादों पर लेबल पर कन्नड़ में नाम और उत्पाद की जानकारी अनिवार्य रूप से लिखने के लिए कहा है। शुक्रवाग को विधान सौध में राज्योत्सव (राज्य स्थापना दिवस) पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने के बाद सीएम ने बताया कि राज्य में बने अधिकांश उत्पादों पर केवल अंग्रेजी में ही मुख्य जानकारी होती है।
इसके अलावा, सीएम ने नागरिकों से कन्नड़ भाषा और इसके 2000 से अधिक वर्षों के समृद्ध इतिहास पर गर्व करने की अपील की। उन्होंने बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी स्तरों पर बातचीत में कन्नड़ का उपयोग करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा, "हमें गैर-कन्नड़ लोगों को कन्नड़ सिखाने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। धर्म, जाति, पंथ या भाषा से परे जो कोई भी कर्नाटक का भोजन, पानी और हवा का सेवन करता है वह स्वाभाविक रूप से कन्नड़ बन जाता है। मैं अन्य भाषाओं को सीखने का विरोध नहीं करता। लेकिन यह हमारी भाषा की कीमत पर नहीं होना चाहिए।"
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी उनकी इस अपील को दोहराया। शिवकुमार ने कहा, "दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग आजीविका के लिए बेंगलुरु और कर्नाटक आए हैं और इसे अपना घर बना लिया है। यह हमारा स्वर्ग है और कन्नड़ हमारी दिव्य भाषा है।"
मुख्यमंत्री ने केंद्र से करों में कटौती के मामले में कर्नाटक के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया।