कश्मीर में बदले हालात, 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे अमरनाथ; 12 सालों का टूट गया रिकॉर्ड
- बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों ने इस साल नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है। 52 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में इस बार दुनियाभर से करीब 5.1 लाख तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लिया। यह पिछले 12 साल में सबसे ज्यादा है।
52 दिनों तक चलने वाली बाबा बर्फानी की अमरनाथ यात्रा सोमवार को संपन्न हो गई, इस साल यात्रा में करीब 52 लाख तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लेकर बाबा अमरनाथ के दर्शन प्राप्त किए। महंत स्वामी दीपेंद्र गिरि द्वारा ले जाई गई छड़ी मुबारक ने अपनी यात्रा 14 अगस्त को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा मंदिर से शुरू की थी,16 अगस्त को यह पहलगाम से गुफा के लिए रवाना हुई थी। रक्षा बंधन के साथ श्रावण पूर्णिमा के अवसर मंदिर में पहुंची छड़ी मुबारक(एक चांदी की गदा जो भगवान शिव की मानी जाती है) को वहां रखकर, भगवान शिव से प्रार्थना की गई, जिसके बाद यात्रा संपन्न हुई।
यात्रा के संपन्न होने तक इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या ने पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 52 दिनों तक चलने वाली यह हिंदू तीर्थ यात्रा 29 जून से कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई थी, जिसमें देश-विदेश से लोग प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं।
यह गुफा मंदिर दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां देश भर से लाखों हिंदू तीर्थयात्री गर्मियों के महीनों में बर्फ के ग्लेशियरों और बर्फ के ठंडे पानी से होकर गुजरते हैं। यात्री आमतौर पर दक्षिण कश्मीर में पहलगाम बेस कैंप से गुफा मंदिर तक पहाड़ी रास्तों तक 36 किमी की यात्रा करते हैं, जबकि मध्य कश्मीर के बालटाल की ओर से, मार्ग छोटा लेकिन कठिनाई पूर्ण है और यात्रियों को इस रास्ते से केवल 14 किमी की यात्रा करनी पड़ती है।
2011 के बाद इस बार सबसे ज्यादा तीर्थयात्रियों ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
तीर्थयात्रियों की संख्या पिछले तीन वर्षों से बढ़ रही है, 2023 में 4.45 लाख और 2022 में 3.65 लाख तीर्थयात्री आए थे, जबकि 2021 और 2020 में कोविड का प्रकोप था। 2019 में तीर्थयात्रियों की संख्या 3.42 लाख थी, इसका कारण 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को रद्द करने से पहले सरकार द्वारा यात्रा को रोक देना था। मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की अब तक की सबसे अधिक संख्या 2011 और 2012 में 6.35 लाख और 6.22 लाख थी।
पिछले दो दशकों में, कोविड वर्षों को छोड़कर, मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की सबसे कम संख्या 2003 में 1.7 लाख थी। 2016 में, केवल 2.2 लाख लोगों ने यात्रा में हिस्सा लिया था, क्योंकि तीर्थयात्रा शुरू होने के ठीक एक हफ्ते बाद 8 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में हिंसा फैलने के बाद संख्या में कमी आई थी।