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नेता हैं सिद्धू, बुमराह से भी तेज फेंक सकते हैं; कैंसर के इलाज वाले दावों की डॉक्टर ने निकाली हवा

  • सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी कद्दू, अनार, अखरोट, आंवला और चुकंदर के जूस का सेवन करती थीं। खाना बनाने में नारियल तेल और बादाम तेल का इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा चाय में लौंग, गुड़ और दारचीनी का उपयोग होता था।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 Dec 2024 09:25 AM
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क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी पत्नी को स्टेज-4 का कैंसर था। उन्होंने कच्ची हल्दी, तुलसी, नींबू पानी, सेब का विनेगर और नीम के पत्ते जैसी चीजों का इस्तेमाल कर कैंसर को परास्त कर दिया। उनके इन दावों पर खूब चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने तो उन्हें 850 करोड़ रुपये का नोटिस भेज दिया। इस बीच एक और डॉक्टर ने उनके दावों पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सिद्धू तो बल्लेबाज थे, लेकिन इतना लंबा कब से फेंकने लगे।

कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. जयेश शर्मा का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने सिद्धू के दावों की हवा निकाल दी है। वीडियो की शुरुआत में उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'सिद्धू पाजी ते बैट्समैन थे, लेकिन इतना लंबी-लंबी कब से फेंकने लग गए?' उन्होंने कहा, 'जो ब्रेस्ट कैंसर स्कीन तक पहुंच जाए, वह स्टेज-4 नहीं होता है। ऐसे कैंसर का हमने कई बार इलाज किया है। ऐसे केस में तो कई बार पूरा ब्रेस्ट निकालने की भी जरूरत नहीं होती है। मरीज ज्यादातर अच्छे हो जाते हैं।'

डॉ. जयेश आगे कहते हैं, 'दूसरी बात यह कि उनकी सर्जरी, कीमो और रेडिएशन तीनों हुआ है। ऐसे में डॉक्टर जो क्रेडिट देने है उसके तो छोड़ ही देते हैं। ज्यादातर केस में हम सर्जरी नहीं ही करते हैं अगर स्टेज 4 हो गया है तो। कभी कबार रेडिएशन करते हैं। इसलिए सिद्धू की पत्नी का स्टेज-4 कैंसर नहीं था। मान लीजिए अगर था भी तो मेरे ऐसे कई स्टेज-4 कैंसर वाले मरीज हैं जो 10-15 वर्षों से एक सामान्य और स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं।'

सिद्धू के दावों पर उन्होंने कहा, 'सिद्धू कह रहे हैं कि कार्बोहाइड्रेड बंद कर दो। ये सब्जी खा ले। ये नहीं खाओ। आपने कॉमेडी शो में जो जज होते हैं उन्हें देखा होगा। वह 20 साल पुराने जोक्स पर भी ठहाके लगाकर ऐसे हंसते हैं जैसे कि पहली बार सुना हो। यह ऐसा ही कुछ है। इनमें से कुछ भी नया नहीं है। इनमें से कुछ भी ऐसा नहीं है जो कि कैंसर पेसेंट ने ट्राई नहीं किया हो। इससे कैंसर जड़ से खत्म नहीं होता है। कैंसर खत्म होने का अभी तक एक ही तरीका है। वह है उपचार।'

उन्होंने कहा, 'खाने से हम कैंसर का रिस्क बढ़ा सकते हैं। रिस्क को कम कर सकते हैं। लेकिन खाने से सिर्फ इलाज नहीं होता है। मुझे नहीं लगता है कि सिद्धू पाजी ने ऐसा बोला होगा। अगर बोला होगा तो वह एक राजनेता हैं। वह बुमराह से तेज फेंक सकते हैं।'

क्या था सिद्धू का दावा?

सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी कद्दू, अनार, अखरोट, आंवला और चुकंदर के जूस का सेवन करती थीं। खाना बनाने में नारियल तेल और बादाम तेल का इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा चाय में लौंग, गुड़ और दारचीनी का उपयोग होता था। उन्होंने कहा था कि पत्नी का कैंसर दवा की वजह से नहीं बल्कि अनुशासित जीवनशैली की वजह से ठीक हुआ है।

कौन हैं डॉ. जयेश शर्मा?

drjayeshsharma.com के मुताबिक, डॉ. जयेश शर्मा मध्य भारत के एक प्रमुख कंसल्टेंट सर्जन हैं। वह ब्रेस्ट और हेड एंड नेक क्षेत्र के कैंसर की सर्जरी में विशेषज्ञता रखते हैं। सर्जरी में अपनी शिक्षा उन्होंने मुंबई के सायन अस्पताल से प्राप्त की और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की ट्रेनिंग अहमदाबाद स्थित आस्था ऑन्कोलॉजी एसोसिएट्स से की। डॉ. शर्मा के पास फेलोशिप के बाद 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह रायपुर स्थित एक बड़े कैंसर सेंटर के संस्थापक और प्रमुख रहे हैं। उन्होंने पांच वर्षों तक वहां कैसर की सर्जिकल और क्लिनिकल टीम का नेतृत्व किया।

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