'क्या नई दिल्ली को देश की राजधानी होना चाहिए?', जहरीली हवा को देख शशि थरूर ने उठाया सवाल
- सांसद थरूर ने कहा कि नई दिल्ली नवंबर से जनवरी तक तीन महीनों के लिए निर्जन हो जाती है। यहां रहना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, 'क्या इसे देश की राजधानी भी रहना चाहिए?'
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने खतरनाक होते वायु प्रदूषण पर चिंता जताई है। साथ ही, उन्होंने नई दिल्ली के भारत की राष्ट्रीय राजधानी होने पर भी संदेह जाहिर किया। एक्स पर पोस्ट करके थरूर ने कहा कि दिल्ली की हवा दुनिया के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना खराब है। उन्होंने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया। बरसों से बन रहे ऐसे हालात के बावजूद समस्या का समाधान न होने पर थरूर ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'हमारी सरकार वर्षों से इस दुःस्वप्न को देख रही है और इसे लेकर कुछ किया नहीं जा रहा है।'
शशि थरूर ने अपने पिछले प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2015 से विशेषज्ञों के साथ वायु गुणवत्ता पर गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुआ, मगर कोई प्रगति न होने पर पिछले साल छोड़ दिया। सांसद ने कहा कि नई दिल्ली नवंबर से जनवरी तक तीन महीनों के लिए निर्जन हो जाती है। यहां रहना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, 'क्या इसे देश की राजधानी भी रहना चाहिए?' इससे पहले भी थरूर दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता पर कटाक्ष कर चुके हैं। इस महीने की शुरुआत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 462 तक पहुंच गया था। इस पर उन्होंने व्यंग्यपूर्ण साइनबोर्ड साझा किए थे। इसमें चांदनी चौक को चांदनी चोक और धौला कुंआ को धुंआ कुंआ बताया गया था।
नई दिल्ली की बिगड़ती हवा को लेकर एहतियाती कदम
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है। इसे देखते हुए कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने 23 नवंबर तक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने 22 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं चलाने की घोषणा की है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को खराब मौसम में निम्न दृश्यता के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर 15 विमानों का मार्ग परिवर्तित किया गया जबकि 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में खराब मौसम के कारण दृश्यता घट गई जिसके चलते विमानों के परिचालन पर इसका असर पड़ा।